दमोह : जिले के तेंदूखेड़ा में नायब तहसीलदार के फर्जी साइन और शील लगाकर कुछ लोगों के बीपीएल राशनकार्ड बनाने जनपद कार्यालय को दो पत्र जारी हो गए. पहले अधिकारियों ने इसे सही समझा, लेकिन मंगलवार रात जनपद कार्यालय से जब सरकारी फाइलें चोरी हुईं तो उसके बाद जांच शुरू हुई.तब यह फर्जी पत्र सामने आए और नायब तहसीलदार भी कह रहे हैं.उन्होंने कोई पत्र जारी नहीं किए.
बता दें तेंदूखेड़ा जनपद कार्यालय से सांसद निधि, विधायक निधि की फाइल, तालाब नीलामी की फाइल और कुछ बीपीएल कार्ड के आदेश की फाइल चोरी हुई हैं.लोगों ने यह आरोप लगाने शुरू कर दिए कि जनपद में फर्जी राशन कार्ड बनाये गये हैं और पोल खुलनी शुरू हुई तो रिकॉर्ड चोरी करवा दिया गया.इस संबंध में जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि तहसील से आदेश आते हैं उसके बाद बीपीएल कार्ड बनाये जाते हैं.
उन्होंने दो आदेश भी दिखाये जो डाक के माध्यम से जनपद पहुंचे थे.इन दो पत्रों में छह राशन कार्ड बनाने के आदेश थे। पत्रों में नायब तहसीलदार की शील और उनके हस्ताक्षर थे, लेकिन जो डिस्पैच नंबर डले थे, वह संदेह पैदा कर रहे थे.इन पत्रों की नायब तहसीलदार कार्यालय से जानकारी ली गई तो पता चला ये दोनों पत्र फर्जी हैं.नायब तहसीलदार द्वारा जारी ही नहीं किये गये हैं.फिर जनपद कैसे डाक के माध्यम से पहुंच गये.
ऐसे हुआ खुलासा
नायब तहसीलदार कार्यालय से एक पत्र 12 जून 2025 को जारी हुआ, उसमें तीन हितग्राहियों को राशन कार्ड के लिए पात्र बताया गया.इसका डिस्पैच नंबर 2025/317 है. वहीं दूसरा पत्र एक सितंबर 2025 को जारी हुआ, जिसमें फिर तीन हितग्राहियों को पात्र बताते हुए राशन कार्ड बनाने के निर्देश हैं.इसका डिस्पैच नम्बर 2025/307 है दोनों पत्रों में शील और हस्ताक्षर नायब तहसीलदार के है, लेकिन डिस्पैच घटते क्रम में होने के कारण पत्र पर संदेह हुआ.दोनों पत्रों को लेकर जब नायब तहसीलदार कार्यालय से जानकारी ली तो पता चला ऐसा कोई पत्र उनके कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ है.
अब सवाल ये है नायब तहसीलदार की शील लगी है.शासकीय कर्मचारी इसको आवक जाबाक में जमा करके आया है तो पत्र फर्जी कैसे हो गये.वह कौन व्यक्ति है, जो ऐसे पत्र भेज रहा है, इसकी खोजबीन अब तहसील में चल रही है.