बिहार के मोतिहारी में एक डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मरीज की जान चली गई. आरोप है कि एक बड़े निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने चंद पैसों की लालच में गलत ऑपरेशन कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों से लाखों रुपये ऐंठने और शव छिपाने तक का घिनौना खेल खेला गया. इस घटना से पूरे शहर में आक्रोश है और अस्पताल के खिलाफ भारी विरोध शुरू हो गया है.
गलत ऑपरेशन से शख्स की हुई मौत
मृतक की पहचान परवेज आलम के रूप में हुई है, जो वार्ड नंबर 17 की पार्षद शायरा खातून के दामाद थे. परवेज विदेश में इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे और कुछ दिनों पहले ही घर लौटे थे. किडनी में पथरी की शिकायत के बाद वो खुद बाइक चलाकर अस्पताल पहुंचे थे. डॉक्टर तबरेज ने बाहर से विशेषज्ञ बुलाने की बात कहकर लाखों रुपये ऐंठे, लेकिन ऑपरेशन खुद ही किया. चार घंटे चले ऑपरेशन के दौरान बार-बार पैसे और दवाएं मंगवाई गईं.
ऑपरेशन थिएटर में शव छोड़कर डॉक्टर फरार
शाम तक परिजनों को मरीज से नहीं मिलने दिया गया. जब परिजनों ने जबरन आईसीयू में प्रवेश किया तो पाया कि परवेज की मौत हो चुकी है और शव ऑपरेशन थिएटर में पड़ा है. वहां कोई डॉक्टर या स्टाफ मौजूद नहीं था. इसके बाद परिजन और ग्रामीण बेकाबू हो गए और अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ और हंगामा किया.
सूचना पर कई थानों की पुलिस और सदर डीएसपी दिलीप कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों की शिकायत को गंभीर मानते हुए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने का आश्वासन दिया और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
अस्पताल में तोड़फोड़
घटना के बाद मृतक के परिजनों और दर्जनों पार्षदों ने अस्पताल के बाहर धरना भी शुरू कर दिया है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर तबरेज जानबूझकर पैसों की लालच में परवेज की हत्या कर फरार हो गया. वहीं, एक अन्य मरीज के परिजन बिक्की कुमार ने भी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वहां गलत ढंग से ऑपरेशन कर मरीजों की जान खतरे में डाली जाती है.