तारीख 23 सितंबर की रात…वक्त सुबह 8 बजे…जगह थी राजनांदगांव की सोमनी। मां बम्लेश्वरी के जयकारों के बीच भक्तों की भीड़ आगे बढ़ रही थी। उन्हीं चेहरों के बीच थी 12वीं की टॉपर महिमा साहू भी थी, लेकिन कुछ ही पलों में सामने से तेज रफ्तार में आती काली थार ने महिमा को कुचलकर मार डाला।
थार को नाबालिग चला रहा था, जिसकी हरकतें मानो मौत से खेल रही थीं। पहले ब्रेक लगाकर डराना, फिर थार को झटके से आगे बढ़ाना, फिर स्लो कर अचानक रफ्तार बढ़ाना। इसी खेल में थार का टायर महिमा पर चढ़ा। महिमा के मुंह से खून बह रहा था, हड्डियां टूट चुकी थीं, जमीन पर लहूलुहान तड़प रही थी।
श्रद्धालु थार को पकड़ने दौड़े, लेकिन थार फुल स्पीड में भाग निकली। ठाकुर टोला टोल प्लाजा पर आरोपी 500 का नोट दिया, लेकिन इतनी जल्दी में था कि छुट्टे पैसे लिए बिना ही भाग गया। वहीं लहूलुहान महिमा को सेक्टर-9 अस्पताल ले जाया गया, लेकिन महिमा ने दम तोड़ दिया।
अब क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, भिलाई के अटल आवास जामुल की रहने वाली महिमा सोमवार को अपनी बहन और मोहल्ले के भक्तों के साथ मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए डोंगरगढ़ जा रही थी। पैदल यात्रा का माहौल जयकारों से गूंज रहा था। सुबह करीब 8 बजे पदयात्रा मानकी पहुंची थी।
इसी दौरान सड़क पर बेकाबू थार नंबर CG04 QC 8007 आते देख दोनों बहन घबरा गए। कार की हरकत देखकर महिमा और छोटी बहन का हाथ छूट गया। थार ने महिमा को पहले तेज रफ्तार में डराया, फिर टक्कर मारी। तेज रफ्तार में महिमा को टक्कर मारकर फरार हो गया।
महिमा कोंडागांव के पोस्ट ऑफिस में सरकारी नौकरी कर रही थी। वहां 4 घंटे ड्यूटी करने के बाद वह रोज 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी। उसका लक्ष्य 2027 में कलेक्टर बनना था। महिमा का 16 घंटे का शेड्यूल था। वह दिन-रात मेहनत कर पढ़ाई करती थी। नौकरी लगने की मन्नत मांगी थी, मन्नत पूरी होने के बाद दर्शन के लिए जा रही थी।
अब जानिए नाबालिग को कैसे मिली थार ?
हिट-एंड-रन केस में सबसे अहम भूमिका उस नाबालिग ड्राइवर की रही, जिसने भिलाई से थार लेकर डोंगरगढ़ तक 160 किलोमीटर का सफर तय किया। मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने के बाद लौटते वक्त उसने लापरवाही से गाड़ी चलाई। 12वीं की टॉपर महिमा साहू को कुचल दिया।
थार में उस समय चार लोग थे। इनमें दो लड़के और दो लड़कियां शामिल थीं। इस गाड़ी का मालिक रजत सिंह है, जो भिलाई का रहने वाला है। उसने अपनी थार कार नयन सिंह को किराए पर दी थी। नयन सिंह ने ही इस गाड़ी को आगे भिलाई के नाबालिग लड़के (बाधवानी) के हवाले कर दिया, जो इस हादसे का कारण बना।
अब जानिए कैसे नाबालिग को बचाने की साजिश रची गई ?
12वीं की टॉपर महिमा साहू को कुचलने वाला नाबालिग (बाधवानी) और उसके साथ में बैठा दोस्त (मित्तल) रईसजादे हैं। इनके साथ 2 लड़कियां थीं, वह भी अच्छे खानदान से ताल्लुक रखती हैं। महिमा को कुचलने के बाद चारों को बचाने की साजिश रची गई।
पुलिस के मुताबिक गाड़ी का मालिक रजत सिंह और नाबालिग के पिता दोस्त हैं। नाबालिग (बाधवानी) को बचाने के लिए फर्जी ड्राइवर का इंतजाम किया गया। रजत सिंह ने कवर्धा निवासी राजू कुमार धुर्वे को फर्जी ड्राइवर बनाकर पुलिस के सामने पेश किया।
परिजनों और पत्रकारों के विरोध के बाद गिरफ्तारी
इस दौरान परिजनों और पत्रकारों ने आरोपियों की साजिश का विरोध किया। इसमें पुलिस भी सवालों में घिरी। पत्रकारों के हंगामे के बाद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। पुलिस ने नाबालिग समेत रजत सिंह, नयन सिंह, राजू कुमार धुर्वे को गिरफ्तार किया।
हालांकि रजत सिंह के परिजनों का कहना है कि रजत ने पुलिस की मदद की है। पुलिस ने जैसे-जैसे बोलने के लिए कहा, उसने वैसे-वैसे कहा है, लेकिन पुलिस ने रजत को ही फंसा दिया। हालांकि सोमनी पुलिस ने परिजनों के आरोप को नकार दिया है।
पुलिस ने चारों आरोपियों को अरेस्ट किया
राजनांदगांव CSP वैशाली जैन ने बताया कि महिंद्रा थार को मालिक रजत सिंह से जब्त किया गया है। गाड़ी मालिक ने जानबूझकर आरोपी को बचाने के लिए साजिश रची थी। राजू कुमार धुर्वे को ड्राइवर बताकर पेश किया। कड़ाई से पूछताछ के बाद सच्चाई समाने आई।
नाबालिग समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही पुलिस को गुमराह करने के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने जेल भेज दिया है। नाबालिग को बाल सुधारगृह भेजा गया है।