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कवर्धा गैंगरेप: नशे में युवती को जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए, 3 गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के कवर्धा आदिवासी युवती से गैंगरेप के 3 आरोपियों को पुलिस ने 36 घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आदतन अपराधी है और पहले भी कई मामलों में जेल जा चुके हैं। वारदात वाली रात तीनों ने एक दुकान से सुलेशन चुराई, नशा किया। रात में लड़की को अकेला देख उसे जबरदस्ती बाइक पर बैठाया और सुनसान इलाके में ले गए।

गुरुवार को समाज के लोगों ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया था। यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार पीड़िता मंगलवार रात अपने बॉयफ्रेंड (18) के घर पर रुकी हुई थी। रात 3 बजे किसी विवाद के बाद वह घर से बाहर निकल गई थी।

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मंगलवार की रात बॉयफ्रेंड से लड़ाई होने के बाद युवती बाहर खड़ी थी। इस दौरान बाइक पर नसीम अहमद (25), जितेंद्र खरे (22) और मोहम्मद सरफराज (21) पहुंचे। युवती को अकेला देख आरोपियों की नीयत बिगड़ी। युवक लड़की को बाइक पर बैठाकर अटल आवास की ओर सुनसान जगह पर ले गए। तीनों ने बारी-बारी से रेप किया।

इसके बाद पीड़िता को बस स्टैंड के पास छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह वह महिला थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। बुधवार को युवती को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने एसपी की गाड़ी तक घेर ली थी। हालांकि, समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।

नाराज लोगों ने घेरा था कलेक्ट्रेट

मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद आक्रोशित समाज सड़कों पर उतर आया। गुरुवार को नाराज लोगों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। साथ ही 50 लाख मुआवजे की मांग की गई थी।

अलग-अलग जगह से पकड़ाए आरोपी

शुक्रवार सुबह ने पुलिस ने आरोपी नसीम अहमद को गंडई से गिरफ्तार किया। जबकि जितेंद्र खरे और मोहम्मद सरफराज को चिल्फी घाटी के पास से पकड़ा गया है। पूछताछ में तीनों ने वारदात का अंजाम देने स्वीकार किया। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज कर मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।

जानिए क्या होता है सुलेशन

सुलेशन एक तरह का सिंथेटिक केमिकल/सॉल्वेंट है, जिसका इस्तेमाल मूल रूप से जूते-ट्यूब चिपकाने, पेंट या गोंद बनाने जैसी औद्योगिक चीजों में किया जाता है। इसमें टोलीन, हेक्सेन और बेंजीन जैसे हानिकारक केमिकल होते हैं।

इसे पॉलीथिन या कपड़े में डालकर सूंघते हैं, जिससे यह सीधे दिमाग पर असर करता है और कुछ देर के लिए चक्कर, हल्का नशा जैसा एहसास होता है।

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