सिरोही: ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया विंग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन 2025 का शनिवार को विधिवत आगाज़ हो गया. राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया. इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी, मीडिया विंग के अध्यक्ष बीके करुणा भाई, प्रो डॉ मानसिंह परमार, प्रो संजय द्विवेदी, मीडिया विंग राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु उपस्थित रहे. शांतिवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल देश भर से आए पत्रकारों इस दिव्य आयोजन के साक्षी बने.
मीडिया कॉन्फ्रेंस के मुख्य अथिति राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस 2025 का उदघाटन करते हुए कहा कि मुझे यहां आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है. समाज मे शांति, एकता और विश्वास को बढ़ावा देने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है. मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ भी बोलते हैं. मीडिया लोकतंत्र की जड़ों को सींचकर सदा हरा रखने का कार्य करता है. हमारे भारत के योगों के रक्त में ही लोकतंत्र है.
चन्द्रगुप्त के राज्य में पाटलिपुत्र में नगर पंचायत में 30 सदस्य चुनकर आते थे. मैंने इसके बारे में पूर्व प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू जी की किताब भारत एक खोज में पढ़ा. लोकतंत्र में जो चुनकर आते हैं, जाति के आधार पर नहीं विचार और देशहित के आधार पर चुनाव लड़े तो लोकतंत्र और मजबूत होगा. मीडिया को इसपर फोकस करना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ एक आध्यात्मिक विश्वविद्यालय है. प्राचीन भारतीय संस्कृति ज्ञान का प्रचार प्रसार करता रहा है. ब्रह्माकुमारीज़ संस्था महत्वपूर्ण कार्य कर रही है. नशामुक्ति, पर्यावरण जागरण, अंधविश्वास दूर करने का भी काम करता है. ब्रह्मा बाबा ने इसकी स्थापना की. उनका हीरे का व्यापार था. ब्रह्माकुमारीज़ हर गांव में जाते हैं. लोगों को शांति और तरक्की का रास्ता बताते हैं.
विश्व में महिलाओं का इतना बड़ा संगठन नहीं है, जितना ब्रह्माकुमारीज़ का है. ब्रह्माकुमारीज़ संस्कृति बचाने का कार्य कर रही है. भारत की संस्कृति विश्व की पहली संस्कृति है. हजार वर्षो से ज्यादा समय तक हमारी संस्कृति को छिन्न भिन्न करने की कोशिश की गई है. मैकाले ने हमारी संस्कृति को बिगाड़ने के लिए वर्ष 1835 में जो शिक्षा पद्धति लागू की गई थी.
विश्व मे जब कुल 6 विश्वविद्यालय थे, हमारे पास नालन्दा और तक्षशिला दो ऐसे विश्वविद्यालय थे. जजिया कर लगाया गया. धर्म परिवर्तन किया गया. लेकिन हमारी संस्कृति नष्ट नहीं हुई, बल्कि तेजी से बढ़ रही है. क्योंकि हमारे यहां योगी,महात्मा हुए. हमने किसी पर आक्रमण नहीं किया. हम सर्वधर्म को मानते हैं. सनातन धर्म ने किसी ने टिप्पणी नहीं की, लेकिन हमारे बारे में टिप्पणी की जाती है. किसी ने हमारी शांति बिगाड़ने की कोशिश किया तो उसको भी छोड़ना नहीं, ये बात हमे ध्यान रखना होगा.
हम किसी की शांति भंग नहीं करेंगे. पंडित नेहरू ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि मैक्समूलर जर्मन इतिहासकार था. उसने लिखा हमे आश्चर्य होता है कि भारत की दो किताबों में लोगों की श्रद्धा है, एक का नाम रामायण, दूसरे का नाम गीता है. हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ ने त्याग, तपस्या और समर्पण किया. ये देश, धर्म, समाज के लिए समर्पण किया है. गांव-गांव भटकती हैं, ये बहुत बड़ी बात है. 23 मार्च 1922 को महात्मा गांधी ने भाषण दिया कि हम भूखे मर रहे हैं. मैकाले ने कहा था भारत में कोई भूखा नहीं, चो नहीं, भिखारी नहीं है, लेकिन उन्होंने हमें कहां लाकर छोड़ा कि देश ने भुखमरी भी देखी. आज हम दुग्ध उत्पादन में विश्व मे नम्बर एक हैं. गेहूं उत्पादन मे दूसरे नम्बर पर हैं.