बिहार विधानसभा चुनाव में पीके फैक्टर को बीजेपी तवज्जो देते नहीं दिखना चाहती पर सतर्क जरूर है. वजह ये है कि प्रशांत किशोर को लेकर बिहार चुनाव में चर्चा बहुत है. सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक उनकी पार्टी जन सुराज ने अपनी जबरदस्त मौजूदगी दर्ज कराई है.
प्रशांत किशोर खुद जनता के बीच जा रहे हैं और वो सभी मुद्दे उठा रहे हैं, जो विपक्षी दल उठाते हैं. प्रशांत किशोर के निशाने पर सत्ताधारी एनडीए और उसके नेता हैं.
पीके लगातार बीजेपी और जेडीयू के नेताओं पर करप्शन और अनैतिकता के आरोप लगा रहे हैं. अब तो बीजेपी के कुछ नेताओं का प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन भी पीके को मिलता नजर आ रहा है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भी शामिल हैं.
बीजेपी नेताओं पर निशाना साध रहे हैं प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर के निशाने पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल हैं, जिनके खिलाफ प्रशांत किशोर लगातार बयानों और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गंभीर आरोप लगा रहे हैं. हालांकि पीके के आरोपों की जद में आए इन तीनों नेताओं ने आरोपों को पीके का राजनीतिक और पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए खारिज किया.
पर पीके के आरोपों से इन नेताओं के साथ सत्ताधारी बीजेपी और सरकार की छवि पर जरूर असर पड़ रहा है. लिहाजा बीजेपी नेतृत्व भी इस घटनाक्रम और आरोपों के संभावित चुनावी असर पर नजदीक से नजर बनाए हुए है. हालांकि बीजेपी सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर केवल चर्चा में आने और खुद को चुनाव में प्रासंगिक बनाए रखने के लिए पुराने मामलों को उठा रहे हैं.
बीजेपी सतर्क, ले रही है फीडबैक
बीजेपी के आला नेताओं का मानना है कि बिहार का चुनाव एनडीए नीतीश कुमार के काम और नाम पर लड़ रहा है. बीजेपी और एनडीए का टार्गेट फिर से सरकार में आना है. बीजेपी नेताओं का तर्क है कि तमाम कोशिशों के बाद भी प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचा पाए हैं. नीती़श कुमार पर कोई आरोप नहीं है और एनडीए के लिए नीतीश कुमार की छवि सर्वोपरि है.
साथ ही पीके और उनके कैंपेन के जमीन और जनता पर असर को लेकर भी बीजेपी फीडबैक ले रही है. पार्टी नेताओं के लगता है कि पीके भले एक फैक्टर बनकर उभरे हैं पर उनका इस बार चुनावी असर ज्यादा नहीं होगा.
पीके के सवर्ण वोटरों में सेंध लगाने की बात को भी बीजेपी नेता ये कहते हुए खारिज करते हैं कि लोग समझदार हैं वो अपना वोट बर्बाद नहीं करेंगेस, पर हां.. ये जरूर है कि प्रशांत किशोर इन चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब रहे हैं और वो भी दमदार तरीके से.. वोट और सीट कितने मिलेंगे ये तो जनता और चुनाव परिणा तय करेंगे.