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भीलवाड़ा में बड़ा खुलसा: नाना ने फेविक्विक से सना पत्थर मुंह में ठूंसकर दबाया था मासूम को, बेटी की इज्जत बचाने दिया था वारदात को अंजाम

भीलवाड़ा: नाना ने नवजात को तौलिये में लपेटकर जंगल में  पत्थरों के ढेर के पास रखा. फिर बच्चे के  मुंह में फिट होने लायक पत्थर उठाकर उसके चारों तरफ फेविक्विक लगाई और मुंह में जबरन ठूंस दिया. इसके बाद चारों तरफ पत्थर रखकर बच्चे को ढक दिया, ताकि कोई उसे देख न सके. बच्चा नाजायज था, लेकिन उसे मारने के लिए मुंह में फेविक्विक लगा पत्थर ठूंसते वक्त नाना का हाथ नहीं कांपा.

नाना बोला-बेटी कुंवारी थी, इज्जत को बचाने और शादी करने के लिए ऐसा किया. शनिवार सुबह मासूम जन्म देने वाली युवती और उसके पिता को पुलिस ने घटना स्थल लेकर पहुंची. सीन रिक्रिएट करवाया कि उन्होंने कैसे पूरी वारदात को अंजाम दिया.

मांडलगढ़ थाना ASI रामलाल मीणा ने बताया-मांडलगढ़ थाना क्षेत्र में 23 सितंबर को मासूम पत्थरों के बीच दबा मिला था. वारदात को अंजाम देने के बाद युवती ललिता (बदला हुआ नाम) और उसका पिता धन्नालाल (बदला हुआ नाम) बिजौलिया होते हुए तिलस्वां महादेव मंदिर चले गए. मंदिर में दर्शन किए और धर्मशाला में रुक गए. घटना के तीसरे दिन 25 सितंबर को पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. सीन रिक्रिएशन के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा.

इधर, बच्चे का इलाज भीलवाड़ा के जिला अस्पताल में चल रहा है. पूरी बॉडी में इंफेक्शन फैलने के कारण हालत गंभीर बनी हुई है. बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. वहीं, सुरक्षा के लिहाज से पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं.

मांडलगढ़ SHO ने बताया- चित्तौड़गढ़ के भैंसरोडगढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती ललिता ने बूंदी के सरकारी हॉस्पिटल में 4 सितंबर को बच्चा जन्म दिया था. रिकॉर्ड में फर्जी पति का नाम लिखवाया. इसके बाद वह हॉस्पिटल से बसोली थाना क्षेत्र में किराए के कमरे पर आ गई थी.

युवती का पिता धन्नालाल, बेटी ललिता, पत्नी और मासूम बच्चे के साथ 23 सितंबर की सुबह 8 बजे बस में बैठे थे. बच्चे को ठिकाने लगाने का प्लान पहले ही बना लिया गया था. भीलवाड़ा जाते रास्ते में बस शक्करगढ़ रुकी, इस दौरान उतरकर दो फेविक्विक के पाउच खरीदे थे.

बूंदी से भीलवाड़ा जाते समय बच्चे और बेटी के साथ वह जंगल के रास्ते में मांडलगढ़ थाना क्षेत्र के सीता का कुंड मंदिर के पास उतर गया. पत्नी को आगे रुककर इंतजार करने के लिए भेज दिया. इसके बाद धन्नालाल ने बेटी को पत्थरों के ढेर से थोड़ी दूर पहले ही खड़ी कर दिया. तौलिया लपेटकर पहले बच्चे को पत्थरों के ढेर के पास रखा. फिर पत्थर पर फेविक्विक लगाई और मासूम के मुंह में ठूंस दिया. बची हुई फेविक्विक पत्थर ठूंसने के बाद ऊपर से लगा दी.

पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद पिता और बेटी दोनों वापस सड़क पर आए. यहां से ट्रैक्टर में लिफ्ट ली और घटना स्थल से 20 किलोमीटर दूर तिलस्वां महादेव मंदिर पहुंचे, जहां धन्नालाल की पत्नी पहले से इंतजार कर रही थी. दर्शन के बाद तीनों धर्मशाला में कमरा किराए पर लेकर रुक गए थे.

इनपुट के आधार पर पुलिस ने 25 सितंबर को आरोपी युवती और उसके पिता को मंदिर की धर्मशाला से डिटेन किया. पूछताछ में वारदात कबूल करने के बाद 26 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया.

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