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टोडाभीम: शिक्षक संघ सियाराम का दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन शुरू, समस्याओं के समाधान का मिला आश्वासन

करौली: टोडाभीम उपखंड मुख्यालय के भजन चौधरी पैलेस में राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम का दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन शनिवार को धूमधाम से शुरू हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राम दयाल मीणा ने किया, जिन्होंने शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर गहन चर्चा की और राज्य सरकार के समक्ष इन्हें उठाने का पूर्ण आश्वासन दिया.

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए राम दयाल मीणा ने जिले से आए शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाने का कड़ा विरोध दर्ज किया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का मुख्य दायित्व कक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, न कि प्रशासनिक या अन्य बोझ. तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानांतरण नीति, प्रबोधकों की वेतन विसंगति और मिड-डे मील योजना में दो सब्जियां अनिवार्य करने के निर्णय का भी उन्होंने पुरजोर विरोध किया.

मीणा ने जोर देकर कहा कि इन नीतियां शिक्षा की गुणात्मक वृद्धि, नामांकन में वृद्धि और शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव डालने में बाधक साबित हो रही हैं. सम्मेलन में शिक्षकों ने अपनी अन्य मांगें भी रखीं. लंबे समय से अटकी तृतीय श्रेणी अध्यापकों की पदोन्नति का तत्काल समाधान करने की मांग प्रमुख रही. एक अन्य विरोधाभासी मुद्दे पर चर्चा करते हुए शिक्षकों ने कहा कि एक ओर मंत्री स्तर से शिक्षकों के मोबाइल उपयोग के कारण निलंबन जैसी सजाएं दी जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर शाला दर्पण पोर्टल के सभी कार्य मोबाइल के माध्यम से ही करवाए जा रहे हैं.
इस दोहरी नीति का भी सम्मेलन में कड़ा विरोध किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के पूर्व सरपंच कैलाश मीणा उपस्थित रहे. उन्होंने शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षक समाज के निर्माणकर्ता हैं और उनकी समस्याओं का निवारण राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. सम्मेलन में टोडाभीम ग्रामीण के मंडल अध्यक्ष धारा सादपुरा बबली हीरो, टोडाभीम के एसबीओ शिवकेश मीणा, सेवानिवृत्त उपनिदेशक वीर सिंह बेनीवाल, संघ के ब्लॉक अध्यक्ष टोडाभीम प्रशासन मीणा, विजेंद्र मीणा, राधेश्याम मोहनपुर, राजन नारेडा, करण सिंह, धीरेंद्र शर्मा, जिला मंत्री सुनील गोयल, पहलाद गुडली, देवेंद्र चौधरी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे. मंच संचालन रोहित कुमार मीणा ने कुशलतापूर्वक किया. दूसरे दिन भी विभिन्न सत्रों में शिक्षा नीतियों पर विस्तृत बहस की जाएगी. संघ ने उम्मीद जताई है कि इन चर्चाओं से शिक्षकों की चिंताओं का समुचित समाधान निकलेगा.
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