रायपुर के पंडित रविशंकर युनिवर्सिटी को हाल ही में NAAC की A+ ग्रेडिंग मिली है। लेकिन यूनिवर्सिटी की मार्कशीट में पिछले एक साल से NAAC की जगह NACC प्रिंट हो रहा है। लगभग पांच हजार से अधिक मार्कशीट में गलती होने की जानकारी है। लेकिन इस संबंध में कोई एक आंकड़ा यूनिवर्सिटी की ओर से अब तक नहीं दिया गया है।
हालांकि ये जरूर कहा गया है कि त्रुटि सुधार की राशि यूनिवर्सिटी बच्चों से नहीं वसूलेगी। इस बीच पूरे मामले को लेकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए NSUI के कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के कुलपति और रजिस्ट्रार को ABCD सिखाने प्रशासनिक भवन पहुंचे।
यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर प्रदर्शन
यूनिवर्सिटी के एंट्रेस ग्रेट पर ही NSUI कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने बाहर ही क्लास लगा दी। प्रतीकात्मक तौर पर कुलपति-रजिस्ट्रार खड़े किए गए और ABCD पढ़ाना शुरू किया गया। करीब आधे घंटे ये क्लास चली। इस दौरान क्लास ले रहे मास्टर ने कुलपति-रजिस्ट्रार को जमकर फटकार लगाई।
NSUI का आरोप – भ्रष्टाचार करने के लिए की गई गलती
NSUI के वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे ने बताया कि यूनिवर्सिटी के पास खुद का प्रिंटिंग प्रेस है, लेकिन यहां मार्कशीट प्रिंट नहीं होती। मार्कशीट क्या यूनिवर्सिटी का एक कागज तक प्रिंट नहीं होता।
बाहर से मार्कशीट प्रिंट कराई गई है। अब इसे सुधारने का खर्च विश्वविद्यालय अपनी ओर से भी लगाता है तो भी पैसा तो बच्चों का ही लगेगा। ये सबकुछ भ्रष्टाचार करने के लिए किया गया है।
मार्कशीट में सुधार की राशि 120 से बढ़ाकर 500 की गई
NSUI ने इस बात को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया कि यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट में त्रुटि सुधार शुल्क को ₹120 से बढ़ाकर ₹500 कर दिया है। कार्यकर्ताओं ने कहा ये निर्णय पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और छात्र-विरोधी है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के छात्रों पर यह अतिरिक्त बोझ डालना न्यायसंगत नहीं है।
विश्वविद्यालय बोला – जल्द सुधार कराया जाएगा, कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
विश्वविद्यालय की ओर से पूरे मामले में कहा गया है कि मार्कशीट वापस मंगवाई जा रही है। जल्द ही सुधार के बाद बच्चों को फिर से नई मार्कशीट डिस्ट्रीब्यूट की जाएगी।
120 दिन के बाद जो सुधार कराने आएगा उसकी फीस 500
मार्कशीट में सुधार को लेकर फीस बढ़ाने पर कुल अनुशासक डॉ आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पहले 90 दिन के बाद सुधार कराने पर 120 रूपए शुल्क लिया जाता था।
अब 120 दिन के भीतर करेक्शन कराने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 120 दिन के बाद जो सुधार कराने आएगा उससे 500 रूपए शुल्क के तौर पर लिए जाएंगे।
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
प्रदर्शन के दौरान अंकित बंजारे, ओझ पांडे, मनीष बांधे, हिमांशु तांडी, आलोक खरे, दुर्गेश पटेल, उग्रेश बंजारा, साहिल खान, नागेश, नवीन सोनी, शुभ, दक्ष राज, राणा, हिनेश, संजय सहित अनेक छात्र कार्यकर्ता मौजूद रहे।