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‘PAK के अफसरों से संपर्क, बांग्लादेश भी गए…’, सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर लद्दाख DGP का चौंकाने वाला खुलासा

लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जमवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का बचाव  करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने वांगचुक को लेकर चौंकाने वाले दावे किए हैं. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जमवाल ने  कहा कि 24 सितंबर को केंद्र के साथ होने वाली बातचीत से पहले “कथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं” के भड़काऊ भाषणों के कारण हिंसा भड़की.

उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतारने का काम किया है. डीजीपी ने बताया कि इस हिंसा में करीब पांच से छह हजार लोगों ने सरकारी भवनों और राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर हमला किया. इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में नागरिकों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान घायल हुए.

बातचीत में बाधा डालने का आरोप
डीजीपी जमवाल ने कहा, ’24 सितंबर को दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी. चार जानें गईं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए. कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को बिगाड़ने का प्रयास किया. सबसे बड़ा नाम सोनम वांगचुक का है, जो पहले भी ऐसे बयान देकर प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश कर चुके हैं.’

विदेशी लिंक की जांच
जब उनसे विदेशी हस्तक्षेप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जांच में दो और लोग पकड़े गए हैं. क्या वे किसी साजिश का हिस्सा हैं, यह कहना अभी मुश्किल है. यहां नेपाली मजदूर काम करते रहे हैं, इसलिए जांच जरूरी है.’ डीजीपी ने बताया कि कर्फ्यू में दो चरणों में ढील देने की योजना बनाई गई है.

जमवाल ने कहा कि जांचकर्ता संभावित पाकिस्तानी संबंधों की जांच कर रहे हैं, उन्होंने वांगचुक की सीमा पार की पिछली यात्राओं और इस्लामाबाद स्थित अधिकारियों के साथ कथित बातचीत की ओर इशारा किया. डीजीपी ने दावा किया, “योजना और समन्वय पहले से ही किया गया था,” और इस बात पर जोर दिया कि आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए गिरफ्तारी जरूरी थी.

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी NSA के तहत
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को लद्दाख में गिरफ्तार करने के बाद कल रात जोधपुर की जेल ले जाया गया. वांगचुक की गिरफ्तारी लेह में हालिया प्रदर्शनों के बाद हुई है.

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