अमेरिका में 33 साल से ज्यादा समय तक रहने वाली 73 साल की सिख महिला हरजीत कौर निर्वासित कर दिया गया. भारत आने के बाद उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि किस तरह से उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया. कौर ने बताया कि उन्हें 8 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. उसके बा बेकर्सफील्ड ले जाया गया, जहां पर वो 8-10 दिन रहीं.
मोहाली में मीडिया से बात करते हुए हरजीत कौर ने बताया कि इसके बाद उन्हें एरिजोना ले जाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें खाने के लिए चिप्स और दो कुकी खाने के लिए दी. न ही कोई दवा दी और न ही कुछ और दिया. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब जो करना होगा उनके बच्चे करेंगे मैं कुछ नहीं कर सकती.
‘परिवार से मिलने दिया गया’
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी और न ही उनके परिवार से मिलने दिया गया. उन्होंने बताया कि परिवार ने पुलिस से कहा था कि वो खुद उन्हें भारत छोड़कर आएंगे इस तरह से उन्हें न भेजा जाए. लेकिन पुलिस ने उनकी कोई बात नहीं सुनी.
‘चिप्स और बिस्कुट खाकर गुजारे 10 दिन’
उन्होंने कहा कि जैसा व्यवहार उनके साथ किया गया भगवान न करे वैसा किसी और के साथ हो. उन्होंने बताया कि हाजिरी लगाने के दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. और इसके बाद ही उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया जो काफी ठंडा था. ओढ़ने के लिए उन्हें एल्यूमीनियम फॉइल का टुकड़ा दिया गिया. उन्होंने बताया कि डिटेंशन सेल में उन्हें सोने के लिए फट्टाऔर खाने के लिए ठंडी ब्रेड और बीफ दिया गया जो वह खाती नहीं थीं. उन्होंने बताया कि चिप्स और बिस्कुट खाकर उन्होंने 10 दिन गुजारे.
‘हाजिरी लगाने के दौरान किया गिरफ्तार’
हरजीत कौर ने बताया कि उनके पास पासपोर्ट नहीं था, इसलिए उन्हें अमेरिका के कार्यालय में हाजिरी लगाने जाना पड़ता था. उन्होंने बताया कि वो हर 6 महीने में हाजिरी लगवा रही थीं. कौर ने कहा कि वह तय तारीख पर हाजिरी लगाने कार्यालय पहुंची थीं. इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर मुझे गाड़ी में बैठाकर बेक्सविड (एरिजोना) लाया गया. जहां उन्हें 10 दिन रखा गया. उन्होंने बताया कि 10 दिन अलग-अलग डिटेंशन सेल में रहने के दौरान मुझे काफी यातनाओं का सामना करना पड़ा. ऐसा लगता था जैसे कि वो कोई अपराधी हैं.
हरजीत कौर 1992 में 2 बेटों के साथ अमेरिका गई थीं. अब US इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) ने उन्हें गैरकानूनी ढंग से अमेरिका में रहने का आरोप लगाकर भारत डिपोर्ट किया है. परिवार का तर्क है कि वह 3 दशक से अमेरिका में रह रही थीं. उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. हरजीत कौर को हिरासत में लेने के खिलाफ भारतीय मूल के लोगों ने अमेरिका में प्रदर्शन किए थे. उनकी उम्र और सेहत को देखते हुए परिवार ने रिहाई की मांग की, लेकिन उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया.हरजीत कौर को अमेरिका ने बीचे 24 सितंबर को बेड़ियां लगाकर भारत भेजा था. फिलहाल वो मोहाली में अपनी बहन के घर पर हैं.