पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) अधिकारी समीर वानखेड़े को शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा। वानखेड़े ने मानहानि का मामला दर्ज कर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और उनके बेटे आर्यन खान से जुड़े विवादों में अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की थी। हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका पर फिलहाल कोई राहत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने साफ कहा कि यह मामला विचारणीय जरूर है, लेकिन इसमें तत्काल रोक या राहत देने जैसी स्थिति नहीं बनती।
इस फैसले के बाद समीर वानखेड़े ने अपना पहला रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखते हैं और सच्चाई के साथ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। वानखेड़े का कहना था कि उनके खिलाफ कई तरह की झूठी कहानियां गढ़ी गईं, लेकिन उन्हें यकीन है कि आखिरकार सच्चाई सामने आएगी।
गौरतलब है कि वानखेड़े 2021 में क्रूज ड्रग्स केस के बाद सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई के बाद उन पर लगातार पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। कुछ नेताओं और फिल्मी हस्तियों ने भी उन पर गंभीर सवाल खड़े किए। इसी के चलते वानखेड़े ने अपनी छवि की रक्षा के लिए मानहानि की याचिका दायर की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर कानूनी हलकों में चर्चा है कि वानखेड़े की लड़ाई लंबी चलेगी। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया है बल्कि इसे सुनवाई योग्य माना है, लेकिन साथ ही कहा कि अभी तत्काल किसी पक्ष को रोकने या राहत देने का आधार नहीं है।
समीर वानखेड़े ने अपने बयान में दोहराया कि वह किसी भी राजनीतिक दबाव या झूठे प्रचार से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ कानून का पालन करना और सच को सामने लाना है। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह इस मामले में उच्चतम न्यायालय तक जाने के लिए तैयार हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर क्रूज ड्रग्स केस और उससे जुड़े विवादों को चर्चा में ला दिया है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में समीर वानखेड़े की यह कानूनी जंग किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या उन्हें अपनी छवि बचाने में सफलता मिल पाती है या नहीं।