बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच समस्तीपुर के उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र में RJD विधायक और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को अपने क्षेत्र के ग्रामीणों का गुस्सा झेलना पड़ा। विधायक आलोक मेहता जब रायपुर पंचायत के आईटीआई महादलित टोला में लोगों से मिलने पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई।
ग्रामीणों का कहना था कि विधायक पिछले पांच साल तक इलाके में नजर नहीं आए और अब जब चुनाव करीब हैं, तो वोट मांगने के लिए आए हैं। भीड़ में मौजूद एक शख्स ने जोर-जोर से चिल्लाते हुए कहा कि आप नेता नहीं, बल्कि लालटेन के नाम पर कलंक हैं। उसने आरोप लगाया कि पिछले 15 साल में विधायक ने कुछ नहीं किया और अब केवल चुनावी लाभ के लिए क्षेत्र में आ गए हैं।
इस दौरान विधायक आलोक मेहता ने कई बार लोगों से वीडियो न बनाने की गुजारिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बात नहीं मानी और वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। विधायक असहज महसूस करते हुए वहां से बिना किसी प्रतिक्रिया के चले गए। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों ने इस पर तीखे कमेंट्स किए हैं।
आलोक मेहता बिहार के महत्त्वपूर्ण और बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं। उनके पिता तुलसीदास मेहता भी क्षेत्र के जाने-माने नेता रहे हैं। आलोक मेहता ने महागठबंधन की सरकार में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री और बाद में शिक्षा मंत्री के रूप में काम किया। लालू यादव के करीबी माने जाने वाले आलोक मेहता का राजनीतिक अनुभव और क्षेत्र में उनका प्रभाव काफी माना जाता है।
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि ग्रामीणों में नेताओं के प्रति नाराजगी बढ़ रही है और चुनावी माहौल में जनता की भावनाओं को नजरअंदाज करना नेताओं के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। स्थानीय स्तर पर नेताओं के कामकाज और उनकी उपस्थिति पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया ने आगामी चुनावों की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।
ग्रामीणों की नाराजगी और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद अब यह देखना होगा कि विधायक और उनका दल इस स्थिति को किस तरह संभालते हैं और क्षेत्र में जनता की उम्मीदों के अनुरूप कदम उठाते हैं या नहीं।