उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान होने का अर्थ दिल में प्यार रखना है और नमाज के बाद इसे इस तरह दिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनके अनुसार, बिना प्यार के कोई भी व्यक्ति मुसलमान नहीं हो सकता।
सांसद ने आगे कहा कि देश में कुछ लोग लोगों को भड़काने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। बरेली में भीड़ का एक हिस्सा गलत तरीके से बाहर निकला और हंगामा मचाया। मसूद ने साफ कहा कि मस्जिदें केवल नमाज अदा करने के लिए होती हैं और उन्हें उसी उद्देश्य के लिए ही बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने उलेमाओं से भी अपील की कि वे इस तरह के कामों को रोकें जो किसी साजिश के तहत किए जा रहे हैं। उनका कहना था कि यह काम किसी भी स्थिति में उचित नहीं है और लोगों को गुमराह नहीं होना चाहिए।
बता दें कि बरेली हिंसा मामले में पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। मसूद ने स्पष्ट किया कि पुलिस की कार्रवाई में कोई दया या संवेदना नहीं होती, और ऐसे हालात में लोगों को कानून का पालन करना चाहिए।
सांसद के इस बयान में यह संदेश साफ तौर पर देखने को मिला कि धार्मिक स्थलों का उद्देश्य केवल पूजा और नमाज अदा करना होना चाहिए, न कि किसी तरह के प्रदर्शन या हिंसा का मंच बनाना।
इमरान मसूद की यह टिप्पणी बरेली हिंसा की घटनाओं के बीच आई है, जिसमें भीड़ ने हंगामा और तोड़फोड़ की थी और कई लोग घायल हुए थे। उनका मानना है कि सच्चा मुसलमान अपने दिल में प्रेम और सहिष्णुता रखता है और ऐसे हालात में किसी तरह की उकसाहट से बचना चाहिए।
इस बयान के साथ सांसद ने स्पष्ट कर दिया कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है और किसी भी साजिश या हिंसा में शामिल होना सही नहीं है।