नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में 1 अक्टूबर से कई अहम बदलाव लागू होने जा रहे हैं। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने इन नियमों को बदला है, जिनका असर सीधे लाखों निवेशकों और पेंशनधारकों पर पड़ेगा। एनपीएस सेवानिवृत्ति के बाद सुरक्षित आय का भरोसेमंद साधन माना जाता है, ऐसे में इसके नियमों में बदलाव आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब एनपीएस खाते से निकासी की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी। पहले जहां निकासी के लिए कई तरह के दस्तावेज और लंबी प्रक्रिया की जरूरत होती थी, वहीं अब इसे डिजिटली और आसान तरीके से किया जा सकेगा। इससे ग्राहकों को समय और परेशानी दोनों से राहत मिलेगी।
दूसरा बड़ा बदलाव यह है कि अब एनपीएस में योगदान की सीमा और लचीलापन बढ़ा दिया गया है। निवेशक अपनी सुविधानुसार ज्यादा रकम जमा कर सकेंगे और उसका लाभ टैक्स छूट में भी मिलेगा। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो लंबी अवधि में सुरक्षित और ज्यादा रिटर्न चाहते हैं।
इसके अलावा, एनपीएस धारकों के लिए एन्युटी खरीदने के नियमों को भी बदला गया है। अब छोटे निवेशकों को एन्युटी खरीदने की बाध्यता से राहत मिलेगी, जिससे उन्हें तुरंत नकद राशि निकालने का विकल्प अधिक मिलेगा। यह कदम खासकर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा जो रिटायरमेंट के समय एकमुश्त धनराशि चाहते हैं।
नई व्यवस्था में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और डिजिटल वेरिफिकेशन को प्राथमिकता दी गई है। इससे धोखाधड़ी की आशंका कम होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। वहीं, ग्रेच्युटी और पेंशन को लेकर भी एनपीएस के तहत ज्यादा लचीलापन दिया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से एनपीएस को और आकर्षक बनाया जाएगा और ज्यादा लोग इसमें निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे। खासकर युवा वर्ग के लिए यह सेवानिवृत्ति योजना अब पहले से ज्यादा सुविधाजनक और फायदेमंद होगी।
कुल मिलाकर, 1 अक्टूबर से लागू होने वाले ये बदलाव एनपीएस ग्राहकों के लिए राहत और फायदे लेकर आएंगे। निकासी प्रक्रिया आसान होने से लेकर टैक्स छूट और निवेश में लचीलापन बढ़ने तक, यह कदम पेंशन योजना को और मजबूत बनाने की दिशा में अहम साबित होंगे।