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छत्तीसगढ़ के स्टील प्लांट हादसे में प्रबंधन के खिलाफ केस, मजदूरों का आरोप- जल्दबाजी में खोला गया प्लांट

रायपुर के धरसींवा थाना क्षेत्र में गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड के स्टील प्लांट में हुए भीषण हादसे में प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अवहेलना के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। हादसे में प्लांट के पेलेट यूनिट में मशीन का भारी लोहे का ढांचा गिरने से मैनेजर सहित छह कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि दर्जन भर से अधिक लोग मलबे में दब गए।

मजदूरों का आरोप है कि प्लांट को महज दो दिन पहले ही शटडाउन किया गया था, जबकि सामान्य प्रक्रिया के अनुसार मशीनों से मटेरियल हटाने से पहले कम से कम सात दिन इंतजार किया जाना चाहिए। उत्पादन की जल्दबाजी में अधिकारियों ने जांच और सफाई कार्य केवल दो दिन में पूरा करा दिया। इसी दौरान भारी हाफर गिरने से मजदूरों को बाहर निकलने का समय नहीं मिल पाया और कई लोगों की जान चली गई।

घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कराया और शव स्वजनों को सौंप दिया। पुलिस ने सुरक्षा मानकों के पालन में लापरवाही के आधार पर प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

श्रम और औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और सुरक्षा उपायों और संबंधित दस्तावेजों की जांच की। विभाग ने कहा कि विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

कंपनी प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को सहायता देने और घायलों का इलाज प्राथमिकता के साथ करने की बात कही है। प्रबंधन ने स्वतंत्र जांच कराने और सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने का आश्वासन भी दिया है। प्रारंभिक जांच में यह सवाल उठे हैं कि हादसा प्लांट के नए तैयार किए जा रहे हिस्से में हुआ और निर्माण सामग्री तथा संरचनात्मक कमजोरी के कारण यह घटना हुई।

हादसे ने छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत में सुरक्षा के महत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और श्रम विभाग मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आगे ऐसे हादसे न हों और उद्योगों में सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन कराया जाए।

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