धमतरी: नवरात्र में भक्त अपनी-अपनी इच्छाओं के अनुसार देवी के चरणों में दीपक प्रज्वलित करते हैं. कोई संतान सुख, कोई स्वास्थ्य लाभ और कोई आर्थिक उन्नति की कामना करता है. लेकिन धमतरी में गजब का पशु प्रेम देखने को मिला है, जहां से तोता, कुत्ता व हाथी के संरक्षण के लिए देवी मंदिरों में आस्था के मनोकामना ज्योत प्रज्ज्वलित किये है। यह मिसाल बताती है कि अब लोग आस्था को जीव-जंतुओं और पर्यावरण संरक्षण से भी जोड़ रहे हैं.
धमतरी की डॉक्टर अपूर्वा पवार शिंदे और उनके पति जिला अस्पताल में पदस्थ हैं. उन्होंने घर में दो तोते और एक लेब्राडोर नस्ल का कुत्ता पाला हुआ है. तोतों के नाम राम और नॉटी हैं, जबकि कुत्ते का नाम वाघ्या रखा गया है. डॉक्टर दंपत्ति का कहना है कि ये पालतू जानवर उनके लिए बच्चों जैसे हैं. इसीलिए उन्होंने नवरात्रि पर इनके नाम से बमलई माता मंदिर में मनोकामना ज्योत जलाई. खास बात यह है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक वे अपने कुत्ते को केवल दूध और रोटी का सात्विक भोजन करा रहे हैं, जबकि सामान्य दिनों में उसे मांसाहारी भोजन भी दिया जाता है.

हाथियों के प्रति संवेदना और लगाव दिखा
इसी तरह धमतरी के ही युवा वैभव जगने ने जगतरा के दुर्गा मंदिर में ज्योत जलाई. वैभव ने देवी मां से प्रार्थना की है कि प्रदेश में हाथियों की संख्या बढ़े और उनका संरक्षण हो. यह आस्था इसलिए भी खास है क्योंकि बीते दो सालों में धमतरी और आसपास के इलाकों में हाथियों के हमले में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और फसलें भी बर्बाद हुई हैं. इसके बावजूद वैभव जैसे युवाओं में हाथियों के प्रति गहरी संवेदना और लगाव दिखाई देता है.
आस्था का स्वरूप लगातार बदल रहा है
धमतरी में हुई इस अनोखी पहल ने लोगों का ध्यान खींचा है. पालतू पक्षियों और जानवरों के नाम से ज्योत जलाना और हाथियों की सुरक्षा की मन्नत मांगना दिखाता है कि आस्था का स्वरूप लगातार बदल रहा है और इसमें मानवीय संवेदना के साथ-साथ प्रकृति और पशु-पक्षियों के लिए दुआएं भी शामिल हो रही हैं.