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रायपुर स्टील प्लांट हादसा: झुलसे शवों को देख परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

रायपुर के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड में शुक्रवार की रात हुए हादसे ने छह परिवारों की खुशियां छीन लीं। हादसे में दो मैनेजर, दो डिप्टी मैनेजर और दो हेल्पर की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घटना के बाद सभी शवों को रातभर श्री नारायणा अस्पताल में रखा गया और शनिवार तड़के पंडरी जिला अस्पताल भेजकर पोस्टमार्टम किया गया।

पोस्टमार्टम प्रक्रिया सुबह से दोपहर तीन बजे तक चली। चीरघर के बाहर माहौल अत्यंत गमगीन था। 10 वर्ष के बच्चों से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक अपने स्वजन के शव लेने पहुंचे, लेकिन झुलसे शरीरों को देखकर पहचानने में उन्हें कठिनाई हुई। कई परिजन एक-दूसरे को सांत्वना देने के बजाय सिर्फ रोते रहे। पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके गृहग्राम भेज दिया गया। इसमें से एक शव विशाखापट्टनम और एक भिलाई ले जाया गया।

हादसे के बाद कांग्रेस के प्रतिनिधि घायलों से मिलने पहुंचे और जांच व मुआवजे की मांग की। छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सजल चंद्राकर ने पुलिस अधीक्षक को चार सूत्री ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यह दुर्घटना केवल छह मजदूरों की मौत नहीं है, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा मानकों की अनदेखी और मुनाफे पर आधारित प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को दर्शाती है।

घायलों में से एक को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि बाकी चार का उपचार आइसीयू में जारी है। मृतक परिवारों को 50-50 लाख और घायलों को 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की जा रही है। कंपनी निदेशक विनोद पिल्लै ने बताया कि अब तक लगभग 46 लाख की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों के लिए रोजगार, पेंशन और बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने की गारंटी भी दी।

हादसे ने औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूर संगठनों का कहना है कि जब तक सख्त सुरक्षा कानून लागू नहीं होंगे, ऐसे हादसे लगातार होते रहेंगे।

श्रम और औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के बाद दोषियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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