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छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में अर्बन नक्सल नेटवर्क पकड़ा गया, रायपुर में नक्सली दंपती गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के पांच जिलों में पुलिस ने अर्बन नक्सल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। राजधानी रायपुर में चंगोराभाठा इलाके से नक्सली दंपती जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28) और कमला कुरसम (27) को गिरफ्तार किया गया। जानकारी के अनुसार यह दंपती पिछले पांच सालों से रायपुर में पहचान छिपाकर रह रहे थे। उनकी पहचान कॉल ट्रेसिंग के दौरान हुई।

जांच में सामने आया कि दंपती कई सरकारी अफसरों के घरों में काम कर चुके थे। राजधानी में नक्सलियों और उनके सहयोगियों की यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले राजनांदगांव, गरियाबंद और अन्य शहरी इलाकों से भी नक्सलियों को पकड़ा गया था। आरोप है कि ये लोग लेवी वसूलने, नक्सलियों को गोलियां-बारूद, गन-मशीन और अन्य जरूरत की सामग्री सप्लाई करने में शामिल थे। इसमें भाजपा नेता और कारोबारी भी शामिल हैं।

अर्बन नक्सल उन व्यक्तियों को कहा जाता है जो शहरों में रहते हुए माओवादियों की मदद करते हैं। ये लोग विचारधारा फैलाने, युवाओं को जोड़ने, फंड और लॉजिस्टिक सपोर्ट जुटाने के साथ-साथ गिरफ्तार नक्सलियों को कानूनी मदद भी देते हैं। 2004 में माओवादी संगठन ने अपने नेतृत्व को शहरों में फैलाने की रणनीति बनाई, जिससे आज दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में शहरी नेटवर्क सक्रिय है।

पुलिस के अनुसार, रायपुर से कई कारोबारियों ने नक्सलियों को हथियार बनाने के लिए मशीन और उपकरण भेजे। 24 जुलाई 2015 को दंतेवाड़ा पुलिस ने पिकअप वाहन और लेथ मशीन सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 18 जून 2020 को राजनांदगांव और रायपुर के कारोबारियों को वॉकी-टॉकी सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 2020 में BJP के जिला उपाध्यक्ष और उनके संबंधियों को भी नक्सलियों को उपकरण सप्लाई करने के आरोप में पकड़ा गया था।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वरुण जैन और उनके परिवार ने नक्सल इलाकों में अवैध काम करके 18 वर्षों में लगभग 600 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की। 10 जनवरी 2025 को प्रकाश सोनी को हथियार और विस्फोटक सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 10 अगस्त 2024 को गरियाबंद में पांच अन्य नक्सली समर्थक पकड़े गए थे।

नक्सलियों ने अपने पत्र में भी शहरी नेटवर्क की पुष्टि की है और दावा किया कि रायपुर या अन्य शहरी इलाकों से गिरफ्तार नक्सलियों की हत्या करने की योजना बनाई गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 में छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान कहा था कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा किया जाएगा।

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