दुर्ग-भिलाई पुलिस ने साइबर अपराधियों की मदद करने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी मामूली कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते किराए पर दे रहे थे। पुलिस ने बताया कि इन खातों से 6 लाख 33 हजार 994 रुपए का संदिग्ध ट्रांजेक्शन पकड़ा गया है।
गृह मंत्रालय के समन्वय पोर्टल से मिली सूचना पर सुपेला पुलिस ने कार्रवाई की। जांच में सामने आया कि जवाहर नगर निवासी अमनदीप सिंह (19) ने उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक का खाता साइबर ठगों को दे दिया था। उसके खाते में एक ही दिन 4 लाख 36 हजार रुपए की ठगी की रकम आई थी। इसी तरह कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी निवासी गनेश्वर दास मानिकपुरी (25) और चिंगरीपारा निवासी विवेक अवचट (24) ने भी अपने बैंक ऑफ इंडिया के खाते अपराधियों को सौंप दिए थे। इनके खातों से भी लाखों रुपए गुजरे।
पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधी खुद सामने नहीं आते, बल्कि भोले-भाले युवाओं को पैसों का लालच देकर उनका खाता इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से ठगी का असली सुराग दब जाता है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जो लोग अपना बैंक खाता किराए पर देते हैं, वे भी अपराधी माने जाएंगे और जेल जाना पड़ेगा।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अचानक खाते में बड़ी रकम आने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें और किसी भी स्थिति में खाता, एटीएम या यूपीआई आईडी दूसरों को इस्तेमाल करने के लिए न दें। पुलिस ने बताया कि मामले में जांच आगे भी जारी है और गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।