छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में धमतरी और ओडिशा सीमा के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 3 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इनमें 2 पुरुष और 1 महिला नक्सली शामिल हैं। मौके से SLR, थ्री नॉट थ्री राइफल और 12 बोर बंदूक बरामद हुई। कांकेर एसपी कल्याण एलिसेला ने इसकी पुष्टि की।
जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ तियारपानी के जंगलों में हुई। सुरक्षा बलों ने DRG, BSF और गरियाबंद पुलिस के साथ संयुक्त सर्च ऑपरेशन किया। जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू की, जिस पर जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। मारे गए नक्सलियों में सीतानदी एरिया कमेटी का कमांडर श्रवण, नगरी एरिया कमेटी का डिप्टी कमांडर राजेश और बसंती शामिल थे। इन पर क्रमशः 8 लाख, 5 लाख और 1 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
यह मुठभेड़ लगातार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन का हिस्सा है। छह दिन पहले नारायणपुर जिले में भी जवानों ने दो केंद्रीय कमेटी के नक्सलियों को ढेर किया था, जिन पर 1.8-1.8 करोड़ का इनाम था। मारे गए नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए गए।
गरियाबंद जिले में 11 सितंबर को हुई मुठभेड़ में 10 इनामी नक्सलियों को भी मार गिराया गया था। इसमें डेढ़ करोड़ का इनामी मोडेम बालाकृष्ण, ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव, शामिल था। इस मुठभेड़ में कुल 6 पुरुष और 4 महिला नक्सली मारे गए थे। सभी नक्सलियों के शव हेलीकॉप्टर से अस्पताल लाए गए।
एडीजी एंटी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि नए इलाकों में पांव पसारने से पहले नक्सलियों का खात्मा किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।
पुलिस ने बताया कि मारे गए नक्सली मोडेम बालाकृष्ण की सुरक्षा कमान संभाल रहे थे और उनके ठिकानों की जानकारी सुरक्षा बलों को उनके गार्ड से मिली थी। इसके बाद मैनपुर के मटाल इलाके में ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें बालाकृष्ण और उनके 9 साथियों को मार गिराया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद समाप्त करने की डेडलाइन जारी की थी। इसके बाद सुरक्षा बलों के ऑपरेशन तेज हो गए हैं और लगातार बड़े नक्सली नेता मारे जा रहे हैं।