पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जाजमऊ आगजनी मामले में सजा और हाल ही में मिली जमानत के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है. ED ने सोलंकी सहित उनके पांच करीबी सहयोगियों को तलब किया है और सभी को सोमवार को लखनऊ कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है.
बताया जा रहा है कि नोटिस में कानपुर के पांच अन्य व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं, जो पहले से ही संबंधित मामलों में आरोपित रह चुके हैं. आरोप है कि सोलंकी ने एक बांग्लादेशी नागरिक को आश्रय दिया और उसे भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराने में मदद की. साथ ही उन पर संदिग्ध वित्तीय लेन-देन करने का भी आरोप है.वहीं माना जा रहा है कि यह कार्रवाई मार्च 2024 में ED की उस छापेमारी से जुड़ी है, जिसमें सोलंकी के पांच ठिकानों से 30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई थी.
बिल्डर और बांग्लादेशी नागरिक भी तलब
ED की समन सूची में सोलंकी से नजदीकी रखने वाले एक पूर्व पार्षद का नाम भी है, जो दो बार नगर निगम चुनाव जीत चुके हैं. ED ने इस मामले में कानपुर के चर्चित बिल्डर हाजी वसी को भी पेश होने के लिए कहा है. इसके अलावा, उस बांग्लादेशी व्यक्ति को भी तलब किया गया है, जो पहले भारतीय दस्तावेज बनवाने की जालसाजी में जेल जा चुका है.
जमानत के बाद तय मानी जा रही थी रिहाई
बता दें कि इरफान सोलंकी सीसामऊ सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं. जून 2024 में जाजमऊ आगजनी मामले में सात साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी. हालांकि, 25 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें, उनके भाई रिजवान सोलंकी और सहयोगी इजराइल अटेवाला को जमानत दी थी. इसके बाद उनकी रिहाई तय मानी जा रही थी, लेकिन ED की नई कार्रवाई से उनकी मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं.