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शाह बोले- युद्ध विराम नहीं, सरेंडर करें तो रेड कार्पेट मिलेगा; CG-ओडिशा बॉर्डर पर 3 इनामी नक्सली ढेर, 2 कमांडर शामिल

‘मैंने कहा था कि 31 मार्च, 2026 को यह देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। आज मैं दोहरा रहा हूं सुरक्षाबलों ने वीरता दिखाई है, हम इस लक्ष्य को हासिल करेंगे। नक्सली हथियार डालकर सरेंडर करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। सुरक्षा बल उन पर एक भी गोली नहीं चलाएंगे, लेकिन युद्ध विराम नहीं होगा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ये बातें 28 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली में ‘नक्सल मुक्त भारत’ विषय पर सेमीनार में कही है। साथ ही कहा कि सरेंडर करने पर हमारी सरकार में रेड कार्पेट, वरना गोली का जवाब गोली से देंगे। शाह ने बताया कि 2024 में 290 नक्सली मारे गए। 1090 नक्सलियों की गिरफ्तारी और 881 ने सरेंडर किया।

इस बीच, गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी कहा कि युद्धविराम का कोई सवाल ही नहीं उठता। पत्र लिखने वाले सभी नक्सलियों की भावना यही है कि बस्तर में चल रहा खून-खराबा बंद होना चाहिए। अगर किसी की भी यह भावना है और उनके पास समय कम है, तो वे आगे बढ़ें। लाल कार्पेट आपके स्वागत के लिए तैयार है।

28 सितंबर को DRG, गरियाबंद और कांकेर पुलिस ने छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर एक मुठभेड़ में तीन इनामी नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में दो पुरुष और एक महिला शामिल हैं। यह मुठभेड़ कांकेर-धमतरी सीमा पर तियारपानी के जंगलों में हुई।

जवानों ने मौके से तीनों नक्सलियों के शव SLR, थ्री नॉट थ्री राइफल और 12 बोर बंदूक बरामद किया है। मारे गए नक्सलियों की पहचान सीतानदी एरिया कमेटी का कमांडर श्रवण, नगरी एरिया कमेटी का डिप्टी कमांडर राजेश और सहयोगी बसंती के रूप में हुई है।

अब जानिए कैसे मारे गए तीन इनामी नक्सली ?

दरअसल, कांकेर कोतवाली थाना क्षेत्र के तियारपानी के जंगलों में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सूचना के आधार पर कांकेर DRG, BSF और गरियाबंद पुलिस सर्च ऑपरेशन पर निकली थी, तभी जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू की।

इस दौरान जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला। दोनों ओर से फायरिंग में तीन नक्सली मारे गए। आशंका जताई जा रही है कि जंगल में और भी नक्सली छिपे हो सकते हैं। पुलिस इसे लेकर डिटेल में जानकारी देगी।

ट्रक में नक्सलियों की लाश भरकर कांकेर आए जवान

कांकेर SP कल्याण एलिसेला के मुताबिक कमांडर सरवन मडकम पर 8 लाख, डिप्टी कमांडर राजेश उर्फ राकेश हेमला पर 5 लाख और बसंती कुंजाम पर 1 लाख का इनाम था। तीनों नक्सलियों के शवों को जवान ट्रक से कांकेर जिला मुख्यालय लेकर आए हैं। ये कार्रवाई कांकेर DRG, BSF और गरियाबंद पुलिस ने की है।

नारायणपुर में विस्फोटक और नक्सली सामग्री बरामद

नारायणपुर में जवानों ने अबूझमाड़ के कोडलियार मिचिंगपारा जंगल से भारी मात्रा में विस्फोटक, नक्सली सामग्री, नक्सली साहित्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद कीं। इनमें लिथियम बैटरी, बूबी ट्रैप स्विच और अन्य स्विच, एक बायोकिंग वॉकी चार्जर एडॉप्टर और नक्सली वर्दियां शामिल थीं। मामला कोहकामेटा थाना क्षेत्र का है।

6 दिन पहले 2 सेंट्रल कमेटी मेंबर मारे गए

6 दिन पहले ही नारायणपुर जिले में जवानों ने मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी के 2 नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए नक्सलियों पर 1.8-1.8 करोड़ का इनाम घोषित था। जवानों ने दोनों के शव और मौके से हथियार बरामद किया है। मुठभेड़ के अबूझमाड़ के जंगलों में हुई थी।

नारायणपुर पुलिस के मुताबिक मारे गए नक्सलियों की पहचान सेंट्रल कमेटी सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई। नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने पुष्टि की है।

गरियाबंद में 11 सितंबर को 10 नक्सली मारे गए

वहीं गरियाबंद जिले में 11 सितंबर को जवानों ने एनकाउंटर में 5 करोड़ के 10 इनामी नक्सलियों को मार गिराया था। इसमें डेढ़ करोड़ का इनामी नक्सली मोडेम बालाकृष्ण भी मारा गया। मोडेम बालाकृष्ण ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था। मामला मैनपुर थाना क्षेत्र के मटाल पहाड़ी में मुठभेड़ हुई।

मारे गए नक्सलियों में 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों में केंद्रीय समिति के सदस्य मनोज उर्फ ​​मोडेम बालाकृष्ण, ओडिशा राज्य समिति के सदस्य प्रमोद उर्फ ​​पांडु, ओडिशा राज्य समिति के सदस्य विमल उर्फ ​​मंगना समीर और पीपीसीएम रजीता शामिल थे।

इसके साथ ही टेक्निकल टीम PPCM अंजली, SDK ACM सीमा उर्फ ​​भीमे, ACM विक्रम, डिप्टी कमांडर उमेश और बीबीएम डिवीजन PM बिमला शामिल थे। इनपर छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार ने 5 करोड़ 22 लाख का इनाम घोषित किया था।

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