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‘कर्ज चुकाना था, मौज-मस्ती भी करनी थी…’, ऑनलाइन गेम में हारा 5 लाख तो बनाई अपने ही अपहरण की मनगढ़ंत कहानी, ऐसे खुला भेद

ऑनलाइन गेमिंग का चस्का अच्छा नहीं होता. गेमिंग तो शौकिया तौर पर शुरू होती है, मगर इसकी लत लगते भी देर नहीं लगती. कभी कभार तो ऑनलाइन गेमिंग का चस्का आपकी जिंदगी तक बर्बाद कर देता है. ठीक ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के नोएडा से. यहां एक युवक ऑनलाइन गेम में पांच लाख रुपये हार गया. ये रकम उसने कर्ज पर ली थी. अब कर्ज कैसे चुकाएं, इसके लिए उसने एक शातिर प्लान बनाया. जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे.

कर्ज में डूबे युवक ने पहले तो अपनी ही किडनैपिंग की झूठी कहानी बनाई. फिर अपने ही परिवार से 20 लाख की फिरौती मांगी. मगर युवक की सारी चालाकी धरी की धरी रह गई और उसके झूठ का भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने युवक को हिमाचल प्रदेश के सोलन से ढूंढ निकाला. फिर गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि उसने कर्ज चुकाने और मौज-मस्ती करने के लिए यह योजना बनाई थी.

जानकारी के मुताबिक, पहले आशाराम नामक युवक कासगंज से अपने जीजा के घर नोएडा आया. फिर वहां से कहीं चला गया. 21 सितंबर को उसने खुद ही अपने अपहरण की कहानी रची थी. घर वालों से फिरौती मांगकर वो हिमाचल चला गया. यहां वो पहले नौकरी किया करता था. युवक के परिजनों ने फेज दो थाना पुलिस के पास जाकर मामला दर्ज करवाया. फिर पुलिस ने सोलन से युवक को सकुशल बरामद कर जेल भेज दिया. उससे पांच एटीएम, एक आधार कार्ड और एक मोबाइल मिला.

जीजा ने भेज दिए पांच हजार रुपये

जीजा शिवम ने बताया- मुझे WhatsApp पर एक फोटो और मैसेज भेजा गया था. इसमें आशाराम के हाथ-पैर बंधे और मुंह पर रूमाल बंधा था. साथ ही 20 लाख रुपये देने की मांग थी. मैंने डरकर पांच हजार रुपये भेज दिए. मगर बार में मैंने पुलिस को भी बता दिया.

बिल्डिंग के बैकग्राउंस से खुला राज

पुलिस ने जांच की तो आशाराम की लोकेशन हिमाचल प्रदेश के सोलन की मिली. पुलिस भी सोलन के बद्दी पहुंची. वहां आशाराम की फोटो से उसके बारे में पता लगाने की कोशिश की जाने लगी. फोटो में जो बिल्डिंग दिख रही थी, स्थानीय लोग पुलिस को लेकर वहां पहुंचे. यह 40 कमरों की एक बिल्डिंग थी. पुलिस ने फिर वहीं से आशाराम को सही सलामत ढूंढ निकाला. तब आशाराम ने उनके सामने सारा राज उगल दिया.

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