शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा-अर्चना और कन्या पूजन का विधान होता है। मान्यता है कि अष्टमी पर नौ कन्याओं को भोजन कराकर, उनका पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है। इस वर्ष अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त कल प्रातः से ही आरंभ हो जाएगा, जिसे लेकर भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है।
पंडितों के अनुसार, अष्टमी के दिन प्रातःकाल स्नान आदि के बाद व्रती को सबसे पहले मां महागौरी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके बाद कन्या पूजन और भोग का आयोजन किया जाता है। कन्या पूजन में नौ छोटी कन्याओं और एक छोटे बालक (लांगुरिया) को आमंत्रित कर उनके पांव धोकर, तिलक लगाकर उन्हें भोजन कराया जाता है। परंपरागत रूप से पूड़ी, चने और हलवा प्रसाद के रूप में परोसा जाता है।
इस बार नवरात्रि अष्टमी का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर दिन के मध्य तक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस अवधि में कन्या पूजन और मां महागौरी की आराधना करना अत्यंत फलदायी होगा। पूजा करने वाले भक्तों को न केवल सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि उनके जीवन से कठिनाइयां भी दूर होती हैं।
धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी अपने भक्तों के समस्त दुखों और कष्टों का निवारण करती हैं। उनकी कृपा से परिवार में शांति, सौभाग्य और उन्नति आती है। इसलिए अष्टमी पर विशेष रूप से स्त्रियां और बच्चे माता की आराधना में शामिल होते हैं।
इसके अलावा अष्टमी के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। कन्या पूजन के बाद उन्हें उपहार या दक्षिणा देने की परंपरा है। कहा जाता है कि यह पुण्य कार्य आने वाले पूरे वर्ष जीवन में सकारात्मकता और सफलता लाता है।
नवरात्रि के इस पावन पर्व पर भक्तगण उत्साह और श्रद्धा से मां महागौरी की पूजा कर रहे हैं। अष्टमी के इस विशेष दिन का शुभ मुहूर्त सभी श्रद्धालुओं के लिए मां के आशीर्वाद प्राप्त करने का सुनहरा अवसर लेकर आया है।