मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की छमाही परीक्षाएं तीन नवंबर से शुरू होंगी। इस बार इन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र बोर्ड और वार्षिक परीक्षा के पैटर्न के आधार पर तैयार किए जाएंगे। एमपी राज्य ओपन बोर्ड की ओर से प्रशिक्षित शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी अंक योजना और अक्टूबर तक के पाठ्यक्रम के आधार पर प्रश्नपत्र तैयार करें।
प्रश्नपत्र और परीक्षा की व्यवस्था
छमाही परीक्षाओं के लिए समय सारणी जारी कर दी गई है। नौवीं और दसवीं कक्षा की परीक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक आयोजित होंगी, जबकि ग्यारहवीं और बारहवीं की परीक्षा दोपहर 1:30 बजे से 4:30 बजे तक होंगी। परीक्षा के बाद छात्रों को अगले दिन के विषय की तैयारी के लिए कक्षाएं लगाई जाएंगी। स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों की कमजोर विषयों की पहचान करें और उन्हें रेमेडियल कक्षाओं में शामिल करें।
छात्रों की तैयारी और परिणाम सुधार
परीक्षा समाप्त होने के बाद शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे और छात्रों को उनकी गलतियों के बारे में जानकारी देंगे। 20 नवंबर को अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित कर उत्तर पुस्तिकाएं अभिभावकों को भी दिखाई जाएंगी। इससे यह स्पष्ट होगा कि विद्यार्थियों की तैयारी कैसी है और उन्हें किन विषयों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
सैंपल पेपर और प्रैक्टिस
छात्रों को स्कूल स्तर पर सैंपल पेपर बनाकर हल करने के लिए दिए जाएंगे। इसे घर से हल कर लाना होगा, ताकि उनकी वार्षिक और बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर हो। इससे छात्रों की अभ्यास क्षमता बढ़ेगी और परीक्षा में आत्मविश्वास भी आएगा।
रेमेडियल कक्षाओं का संचालन
डीपीआई संचालक डीएस कुशवाहा ने बताया कि छमाही परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद बोर्ड कक्षाओं के लिए रेमेडियल कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। इसमें गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं शामिल होंगी। कमजोर और तेज छात्रों को अलग-अलग समूहों में बांटकर उनकी तैयारी पुख्ता की जाएगी।
इस तरह, तीन नवंबर से शुरू हो रही छमाही परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों को बोर्ड और वार्षिक परीक्षा की तैयारी में बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा और उनकी कमजोरियों को समय रहते सुधारा जाएगा।