औरंगाबाद: राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देव मोड़ के समीप से लापता 34 वर्षीय युवक का शव पांच दिन बाद यानी मंगलवार की अहले सुबह बरामद कर लिया गया है. मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के ही ओरा गांव निवासी स्व लखन यादव के पुत्र मनोज कुमार यादव के रूप में हुई है. जिस जगह से युवाक लापता हुआ था. उसी जगह से उसका शव भी बरामद किया गया है.
अपराधियों ने बेरहमी तरीके से उसकी हत्या कर रस्सी से उसके शव को बांध दिया था और ईंट से लटकाकर गड्ढे में फेंक दिया था ताकि उसका शव बाहर नहीं निकल सके. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तार लोगों के निशानदेही पर ही देव मोड़ के समीप से मनोज का शव बरामद किया गया. मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान राजद नेता सह जिला पार्षद अनिल यादव ने बताया कि मनोज यादव मुफस्सिल थाना क्षेत्र के वियाडा स्थित एक इंडस्ट्रियल कंपनी में काम करता था.
इंडस्ट्रियल कंपनी का ही वाहन चलाता था. प्रतिदिन वह कंपनी से सामान लेकर बिहार के विभिन्न इलाकों में डिलीवरी करने जाता था. डिलीवरी के बाद वह कैश पैसा लेकर आता था और इंडस्ट्रियल के मालिक को देता था. 24 सितंबर की सुबह वह अपने वाहन पर सामान की लोडिंग कर वियाडा स्थित कंपनी से नवादा के लिए निकल गया. शाम चार बजे वह नवादा जिले के इस्लामपुर पहुंचा और सामान को अनलोडिंग किया. इसके बाद वह छह बजे गयाजी पहुंचा. इस दौरान फोन पर उसकी पत्नी से भी बातचीत हई. उसके फोन की बैटरी कमजोर थी तो उसने अपनी पत्नी को फोन बंद होने की बात भी बताई थी.
इसके बाद वह गया से रफीगंज-शिवगंज होते हुए अपने घर के लिए चला. 24 सितंबर की रात करीब 10:53 में वह देव मोड़ के समीप पहुंचा और उसी जगह से वह लापता हो गया. जब पूरी रात घर नहीं लौटा तो परिजनों को चिंता हुई. परिजन खोजबीन करने निकले तो देव मोड़ के समीप से उसका वाहन बरामद हुआ. इसके बाद परिजनों ने गुमशुदगी से संबंधित मुफस्सिल थाना में आवेदन दिया. आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल तेज कर दी.
हालांकि जब पुलिस से शव बरामद नही हुआ तो जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन पर आरोप भी लगाए. शव बरामद नही होने के बाद जिला पार्षद सह राजद नेता ने एक वीडियो जारी किया था. वीडियो के उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप भी लगाए थे. वीडियो के कहा था कि जिला प्रशासन कम से कम मनोज को जिंदा नही खोज पाई तो मुर्दा ही खोज दीजिये. इस वीडियो के बाद जिले में सनसनी की तरह यह बात फैल गयी. इसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई. कुछ लोगों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान चलाया गया. इसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार लोगों में फेसर थाना क्षेत्र के चतरा गांव निवासी उमेश यादव, औरंगाबाद शहर के ही गंज मुहल्ला निवासी बबलू खान शामिल है. गिरफ्तार आरोपित उमेश यादव के निशानदेही पर मनोज का शव देव मोड़ के समीप गड्ढे से बरामद किया गया. परिजनों ने बताया कि एक वर्ष पूर्व ही मनोज के पिता की कैंसर से मौत हो गयी थी. गरीबी होने के कारण वह अपने पिता का ठीक से इलाज भी नही करा पाया था. पिता की मौत के बाद वह अपने घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था. परिजनों को उसके ऊपर ही उम्मीद थी. मनोज के एक बेटा व दो बेटी हैं. घटना के बाद से परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. गांव में दशहरा पर्व को लेकर खुशी का माहौल था.
मनोज की हत्या के बाद खुश मातम के पसर गया. मुफस्सिल थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि पांच दिन पूर्व लापता युवक का शव देव मोड़ स्थित गड्ढे से बरामद कर लिया गया है. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तार आरोपितों के निशानदेही पर ही उसका शव बरामद किया गया है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराकर दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.