पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी सोमवार देर रात कानपुर की जिला जेल से रिहा हो गए. वह करीब 3 सालों से जेल में बंद थे. रिजवान को उनकी मां और पत्नी जेल से लेने पहुंची थी. इस दौरान रिजवान ने अपने बच्चों जिनिया और मुज्जू को गोद में लेकर माथा चूमा, जिसके बाद वे गमगीन हो गए हैं. उन्होंने कहा कि एक नई शुरुआत करनी है.
सोमवार देर रात रिजवान की रिहाई खबर मिलते ही जेल के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ता जमा हो गए. जेल से बाहर निकलते ही रिजवान को उनके चाहने वाले गले से लगाने लगे. रिजवान जेल से निकलने के बाद सीधा ईदगाह पहुंचे और नमाज अदा की. इसके बाद रिजवान अपने पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर गए और फातिहा पढ़ी. इस दौरान एक बड़ा हुजूम उनके साथ चलता रहा.
पिता की कब्र पर आंखों से निकले आंसू
पिता की कब्र पर कुछ देर रुकने के बाद रिजवान अपने परिवार और कार्यकर्ताओं के साथ जाजमऊ डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने घर के लिए रवाना हुए. इस दौरान उनके साथ मां खुर्शीदा,पत्नी रोजी और बच्चे भी शामिल थे. बताया जा रहा है कि रिजवान अपनी मां और पत्नी से मिलकर भी काफी भावुक हो गए थे. इतना ही नहीं जब वह अपने पिता की कब्र पर पहुंचे तो उनकी आंखों से एकाएक आंसुओं का सैलाब बह निकला. उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला.
पुलिस कमिश्नर के आवास पर किया आत्मसमर्पण
बता दें कि इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी ने 2 दिसंबर, 2022 को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के आवास पर आत्मसमर्पण किया. 7 जून, 2024 को इरफान, रिजवान और अन्य आरोपियों को सात साल की कैद और 20-20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
क्या है मामला?
दरअसल रक्षा कॉलोनी, जाजमऊ निवासी नजीर फातिमा के घर में हुई आगजनी के मामले में पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान और अन्य आरोपियों को 2 दिसंबर 2022 को जेल भेज दिया गया था। जेल जाने के बाद, इरफान और रिजवान के खिलाफ ग्वालटोली थाने में कई मुकदमे दर्ज किए गए.