बेगूसराय: देश-विदेश में असम का कामाख्या शक्ति पीठ तंत्र साधकों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसके बाद साधना की सिद्धि का सबसे बड़ा केंद्र बिहार का बखरी पुरानी दुर्गा स्थान माना जाता है. यहां हजारों साधक वर्षों से अपनी तंत्र साधना को सिद्ध करने आते हैं.
नवरात्रि के पहले दिन से ही साधक दूर-दूर से बखरी पहुंचे और रात भर मां दुर्गा के समक्ष अपने तंत्र साधना में जुटे रहे. इस दौरान आयोजन समिति को भी बड़ी मेहनत करनी पड़ी, ताकि साधकों और दर्शनार्थियों की सुविधा बनी रहे। साधना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी इकट्ठा हुए. हालांकि, गुप्त तंत्र साधना करने वाले साधकों ने अधिकांश समय श्मशान में साधना की और अंतिम आहुति देने के लिए ही मंदिर का रुख किया.
प्रख्यात साबर मंत्र साधिका बहुरा मामा की धरती और बिहार के विभिन्न जिलों तथा अन्य राज्यों से आए साधकों के कारण बखरी पुरानी दुर्गा स्थान नवरात्रि के दौरान तंत्र साधकों का एक प्रमुख केंद्र बन गया है.इस तरह, नवरात्रि में बखरी का यह शक्तिपीठ साधना और आस्था का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करता है, जहां साधक अपने आध्यात्मिक अनुभव को पूर्ण करने के लिए जुटते हैं.