Left Banner
Right Banner

गाजीपुर: डेढ़ साल बाद अपनों से मिले बच्चे, दादी के गले से लिपटकर ऐसे रोने लगे की माहौल हुआ गमगीन, जानिए पूरी कहानी

गाजीपुर: छः सात और आठ साल के सिद्धार्थ, अदिति और आदित्य डेढ़ साल बाद आज अपनी दादी रेनू सिंह के गले से लिपटकर ऐसे रोने लगे कि माहौल गमगीन हो गया.
आज से लगभग डेढ़ साल पहले जिला के बहरियाबाद थाना क्षेत्र के बेलहरा गांव के रहने वाले किसान छोटू सिंह की मृत्यु हो गई. उसके एक माह बाद ही छोटू सिंह की पत्नी तीनों बच्चों को लेकर मायके जाने की बात कह ससुराल से निकल गई. वह अपने मायके में न जाकर कहीं दूसरी जगह चली गई.

बच्चों के अनुसार मां ने उन्हें वापी रेलवे स्टेशन पर अकेले छोड़ दिया. वहां पुलिस ने बच्चों को अकेला देख तो अपने संरक्षण में ले लिया. उसके बाद बाल कल्याण समिति को सौंपा. समिति से बच्चों ने सिलवासा का नाम ले लिया. उसके बाद उन्होंने दादरनगर हवेली के सिलवासा स्थानांतरित कर दिया गया. सिलवासा के बाल गृह वालों ने आदित्य से बातचीत में बताया कि गांव में मारपीट होने पर वह बहरियाबाद गए थे. उसके बाद समिति वालों ने काफी प्रयास के बाद पता किया कि बहरियाबाद थाना उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला में है. उसके बाद यहां बाल कल्याण समिति और बाल संरक्षण इकाई से संपर्क साधा. खोज करने पर बेलहरा गांव में बच्चों का मूल निवास मिला. उसके बाद आवश्यक पत्राचार आरंभ हुआ. उसके बाद बाल गृह के सुरेश भोया, महिला आरक्षी भावना भोया, आरक्षी सदानंद गान्वित अपने साथ लेकर आज छुट्टी के दिन गाजीपुर आए.

बच्चों की दादी रेनू सिंह तथा चाचा गोलू सिंह भी आए। बच्चों को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सीमा पाठक सदस्य द्वय जयप्रकाश भारती निलेश सिंह ने बच्चों को उनकी दादी को सौंपा. गले लगकर दादी पोते पोती को रोने से माहौल कुछ देर के लिए गमगीन हो गया. कार्यालय प्रमुख प्रमोद कुमार पांडेय ने कागजी कार्रवाई पूर्ण करने में अपना योगदान दिया.

 

Advertisements
Advertisement