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जानलेवा खांसी की सिरप! राजस्थान में 5 साल के बच्चे की मौत, भरतपुर में एक वेंटिलेटर पर

राजस्थान के सीकर जिले का खोरी ब्राह्मणान गांव. यहां निशुल्क दवा योजना के तहत खांसी की सिरप बांटी गई थी. इसे पीकर 5 साल मासूम रात को सोया और सुबह उठ नहीं सका. उसने रात को ही दम तोड़ दिया, राज्य के भरतपुर में भी यही सिरप पीने से एक मासूम बेहोश हो गया, जो अब वेंटिलेटर पर है. उधर, एमपी के छिंदवाड़ा में 6 मासूमों की कथित ‘रहस्यमयी बीमारी’ से मौत हुई तो जिला कलेक्टर ने सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. यहां बच्चों की ‘किडनी फेल’ होने से मौत का दावा किया जा रहा है.

सीकर के पीड़ित परिवार ने बताया, 29 सितंबर की रात करीब 11:30 बजे बच्चे को सिरप दी गई थी. इसके बाद सुबह वह नींद से नहीं उठा. उसे एसके अस्पताल, सीकर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौत का सटीक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा.

मृतक बच्चे  के चाचा बसंत शर्मा ने बताया कि सिरप देने के बाद रात तक सब सामान्य था, लेकिन तड़के 3:30 बजे बच्चे को हिचकी शुरू हुई. मां ने उसे पानी पिलाया, लेकिन सुबह तक उसने आंखें नहीं खोलीं. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया. पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. घटना के समय मासूम के पिता झारखंड में होटल संचालित कर रहे थे और सूचना मिलने पर वे गांव लौट रहे हैं.

परिवार में नितियांस का 7 वर्षीय बड़ा भाई भी है. इस घटना ने मां को गहरे सदमे में डाल दिया. परिजनों ने बताया कि 4-5 दिन पहले बच्चे को खांसी की शिकायत थी. मां उसे चिराना सीएचसी ले गई थीं, जहां से इलाज के बाद सिरप दी गई. उसी सिरप के सेवन के बाद बच्चे की हालत बिगड़ी और उसकी मृत्यु हो गई.  एसके अस्पताल के अधीक्षक डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि मामला संज्ञान में है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा.

भरतपुर में भी सिरप से बच्चे की हालत गंभीर
राजस्थान सरकार के अस्पतालों में दी जा रही खांसी की सिरप ‘डेक्सट्रोमेथोरफेन हाइड्रोब्रोमाइड (13.5 मिलीग्राम/5 मिली)’ मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है.

भरतपुर जिले के बयाना ब्लॉक के कलसाड़ा गांव में 28 सितंबर को सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मिली इस सिरप को पीने के बाद 3 वर्षीय बच्चे गगन की तबीयत बिगड़ गई. सिरप पीने के बाद बच्चा बेहोश हो गया और उसकी हृदय गति अनियंत्रित हो गई. उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है. बच्चे का इलाज जारी है.

CHC प्रभारी ने भी पी सिरप, हुए बीमार

परिजनों की शिकायत पर बयाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. ताराचंद योगी ने सिरप का सेवन किया, जिसके बाद उनकी तबीयत भी खराब हो गई. बयाना ब्लॉक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जोगेंद्र गुर्जर ने बताया कि इस सिरप के एक बैच में समस्या की आशंका है. एहतियातन इस बैच की आपूर्ति और वितरण पर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.

सरकार ने शुरू की जांचसीकर में सिरप से बच्चे की मौत और भरतपुर में बच्चे की हालत बिगड़ने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है. राज्य सरकार ने इस सिरप पर रोक लगा दी है और जांच के आदेश दिए हैं. सरकार यह पता लगाने में जुटी है कि सिरप की आपूर्ति करने वाली कंपनी की जांच की जाए.

MP के छिंदवाड़ा में कलेक्टर ने सिरप का इस्तेमाल रोका

उधर, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी अगस्त महीने से शुरू हुए वायरल फीवर के मामलों के बीच अब तक 6 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनमें ‘किडनी फेलियर’ को प्रमुख कारण माना जा रहा है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है.

वहीं, कलेक्टर ने यह भी आदेश दिया है कि बच्चों में इस्तेमाल की जा रही Coldrif और Dextro -DS सिरप का उपयोग तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए. साथ ही मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे बच्चों को किसी भी प्रकार के कॉम्बिनेशन सिरप न दें और केवल साधारण प्लेन सिरप ही उपलब्ध कराएं.

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