छत्तीसगढ़ में शराब, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप केस में जांच कर रहे ED के डिप्टी डायरेक्टर नीरज सिंह ने कांग्रेस नेता हेमंत चंद्राकर से मारपीट की है। हेमंत चंद्राकर ने सिटी कोतवाली में लिखित शिकायत देक आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
हेमंत चंद्राकर ने आरोप लगाया कि डिप्टी डायरेक्टर ने पूर्व CM भूपेश बघेल समेत उनके करीबियों पर कमीशन लेने की बात स्वीकार करने का दबाव बनाया। मैंने ऐसा करने से मना किया तो अधिकारियों ने मारपीट की। इसके साथ ही बीजेपी के कुछ सीनियर नेताओं को रिश्तेदार बताया है।
हेमंत चंद्राकर का रोते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वह कह रहा है कि मैंने किसी से कोई पैसा नहीं लिया है। मैंने तो बिजनेस किया है। मेरे परिवार को जेल में डाल देंगे बोल रहे हैं, डाल दो साहब। हमें मार दो साहब, नहीं जीना है।
वहीं वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार का संरक्षण में ये ED की गुंडागर्दी है। ED अब पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतर आई है। कमलछाप बिल्ला लगाकर, कानून के खिलाफ और ED की डर से काम करने वालों का नाम प्रदेश की जनता सब दर्ज कर रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, कांग्रेस नेता हेमंत चंद्राकर को 29 सितंबर को सुबह 10:30 बजे पूछताछ के लिए रायपुर स्थित ED कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ रात 8:30 बजे तक चली। सभी को जाने दिया, लेकिन मुझे रोक लिया। प्रताड़ित करने के बाद मुझे अगले दिन फिर से आने को कहा गया।
हेमंत चंद्राकर ने बताया कि ED के अधिकारी ने मुझसे जबरन पूर्व CM भूपेश बघेल, विजय भाटिया, रामगोपाल वर्मा, आशीष वर्मा, मंदीप चावला और उनके एजेंट आदित्य अग्रवाल, शास्वत जैन, किशोर चंद्राकर, सतपाल सिं छाबड़ा का नाम लेने को बोला गया। स्वीकार करने बोला कि ये कमीशन के जरिए काम कर रहे हैं।
चंद्राकर ने यह भी कहा कि उनके और उनके परिवार के साथ जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। शिकायत में लिखा गया है कि अधिकारी अवैध तरीके से बयान लेने का प्रयास कर रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है। पीड़ित ने सिटी कोतवाली पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस नेता खुद को बताया बीजेपी नेताओं का करीबी
कांग्रेस नेता हेमंत का कहना है कि BJP के कुछ सीनियर नेता भी उनके रिश्तेदार हैं। अपनी लिखित शिकायत में कांग्रेस कार्यकर्ता हेमंत चंद्राकर ने खुद को पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, बीजेपी नेता नारायण चंदेल, सांसद विजय बघेल, विधायक अजय चंद्राकर और विधायक धरमलाल कौशिक करीबी हैं।
चंद्राकर ने बताया कि उसके इन नेताओं से पारिवारिक संबंध हैं। उनसे पारिवारिक संबंध है, लेकिन मैंने आज तक किसी से किसी तरह का पैसा, पुरस्कार और गिफ्ट नहीं लिया। पीड़ित ने मेडिकल कराने और मारपीट करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि पुलिस ने पीड़ित से शिकायत लेकर मामले में जांच शुरू कर दी है।
भूपेश बघेल ने क्या-क्या कहा ?
वहीं भूपेश बघेल ने वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर वीडियो जारी कर ED को गुंडा बताया है। बघेल ने कहा कि सरकार के संरक्षण में ED की गुंडागर्दी हो रही है। ED अब पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतर आई है।
बघेल ने लिखा कि पहले व्यापारियों के यहां रेड कर रही है, फिर उन्हें पूछताछ के लिए बुला रही है। यहां तक तो ठीक है। पूछताछ के दौरान रॉड से उन्हें पीट कर भूपेश बघेल, रामगोपाल अग्रवाल व अन्य लोगों का नाम लेने का दबाव बना रही है।
भूपेश लिखा कि लगभग बेहोशी की हालत में छोड़ने के बाद जब पीड़ित शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास पहुंच रहे हैं तो पुलिस न अपराध दर्ज कर रही है और न ही मेडिकल परीक्षण करवा रही है। कल रात निजी अस्पताल इलाज के लिए तैयार थे, लेकिन रिपोर्ट देने के लिए तैयार नहीं थे।
बघेल ने आगे लिखा- कल हेमंत चंद्राकर नाम के एक व्यापारी को ED के एक अधिकारी ने पूछताछ के बहाने बुलाकर बेरहमी से पीटा, मां-बहन की गालियां दी और मुझ सहित कुछ अन्य लोगों का नाम लेने का दबाव बनाया।
सिटी कोतवाली, रायपुर और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी समझ लें कि कानून के अनुसार काम न करने वालों के नाम हम याद रखेंगे। कमलछाप बिल्ला लगाकर, ED के डर से काम करोगे तो प्रदेश की जनता सब दर्ज कर रही है।
जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED के मुताबिक रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया।
EOW/ACB की जांच और 200 से अधिक लोगों के बयान और डिजिटल सबूतों के आधार पर लगभग 60 लाख 50 हजार 950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई। इसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
पहले इस घोटाले का आंकड़ा 2161 करोड़ रुपए बताया गया था, लेकिन नए सिरे से जांच में घोटाले की रकम बढ़कर 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। EOW इस मामले की जांच कर रही है। घोटाले में शामिल पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत अन्य आरोपी जेल में बंद हैं।
फरवरी 2019 में बना था सिंडिकेट
कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाने के लिए फरवरी 2019 में जेल रोड स्थित होटल वेनिंगटन में प्रदेश के 3 डिस्टलरी मालिकों को बुलाया। इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ डिस्टलरी से नवीन केडिया, भाटिया वाइंस प्राइवेट लिमिटेड से भूपेंदर पाल सिंह भाटिया और प्रिंस भाटिया शामिल हुए।
साथ ही वेलकम डिस्टलरी से राजेंद्र जायसवाल उर्फ चुन्नू जायसवाल के साथ हीरालाल जायसवाल और नवीन केडिया के संपर्क अधिकारी संजय फतेहपुरिया पहुंचे। मीटिंग में इनके अलावा एपी त्रिपाठी और अरविंद सिंह भी मौजूद थे।
मीटिंग में अनवर ढेबर ने तय किया कि डिस्टलरी से जो शराब सप्लाई की जाती है, उसमें प्रति पेटी कमीशन देना होगा। कमीशन के बदले रेट बढ़ाने का आश्वासन डिस्टलरी संचालकों को दिया गया। पैसे का हिसाब-किताब करने के लिए आरोपियों ने पूरे कारोबार को ए, बी और सी पार्ट में बांटा।