सहरसा : जिले के सोनवर्षा राज प्रखंड की महुआ उत्तरवाड़ी पंचायत में ग्रामीण आज भी शुद्ध पेयजल से वंचित हैं. यहां लोगों को पीने के लिए ऐसा पानी मिल रहा है, जिसमें आयरन की मात्रा निर्धारित मानक से पांच गुना अधिक पाई गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि मिनी जलापूर्ति योजना वर्षों से अधूरी पड़ी है. पाइपलाइन तो बिछाई गई, लेकिन पानी आपूर्ति कभी शुरू नहीं हुई. मजबूरी में लोग आज भी कोयला और बालू से छानकर पानी पीते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस पानी से गैस्ट्राइटिस, अल्सर, पित्ताशय की पथरी, किडनी की समस्या और पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां हो रही हैं. 2024 में पीएचईडी प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी पानी को “धीमा जहर” बताया गया था, जो पीने और नहाने दोनों के लिए अनुपयुक्त है. सक्षम परिवार फिल्टर का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन गरीब और अशिक्षित अधिकांश लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों ने स्थानीय मुखिया और विधायक पर ध्यान न देने का आरोप लगाया है, बीडीओ अमित आनंद ने कहा कि वे संबंधित जेई से बात करेंगे और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.