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गोंडा: केले की खेती करने वाले किसानों की टूटी कमर, मिट्टी के भाव बेचने पर मजबूर

गोंडा : जनपद के उमरी बेगमगंज क्षेत्र के पकवान गाँव में इस बार केले की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.जहाँ अब तक किसान इस खेती से अच्छी-खासी कमाई कर लेते थे, वहीं इस बार बाजार में भारी खेप आने के चलते केले के दाम औंधे मुँह गिर गए हैं.

गाँव के किसान राजकमल सिंह ने बताया कि वे अपने पटीदार के.के. सिंह, जो पिछले 10 वर्षों से केले की खेती कर रहे हैं, से प्रभावित होकर दो साल पहले इस खेती की शुरुआत की थी.इस बार पहली बार उन्होंने केला कटवाया है, लेकिन बाजार भाव गिरने से उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा.

राजकमल सिंह के अनुसार, एक एकड़ में केले की खेती पर करीब 2 लाख रुपये की लागत आई, लेकिन बिक्री में बड़ी दिक्कत आ रही है। बाजार में केले का भाव जहाँ लगभग 40 रुपये दर्जन होना चाहिए था, वहीं मजबूरी में किसानों को 7.50 रुपये दर्जन के हिसाब से बेचना पड़ रहा है.

स्थिति यह है कि नजदीकी मंडियों में पहले से ही केले की भारी खेप मौजूद होने के कारण कोई आढ़ती किसानों से केला खरीदने को तैयार नहीं है.मजबूरन किसानों को बाहर अयोध्या मंडी ले जाकर औने-पौने दामों पर केले बेचने पड़ रहे हैं.

गिरते भाव और लागत न निकल पाने से किसान बेहद आहत हैं और उनकी मेहनत पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है.

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