रीवा : संजय गांधी अस्पताल में एम्बुलेंस सेवाओं की मनमानी और मरीजों व उनके परिजनों से अभद्र व्यवहार की शिकायतें लंबे समय से आम रही हैं.इस गंभीर समस्या पर अंकुश लगाने के लिए आज अस्पताल परिसर में एक निर्णायक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पुलिस, यातायात और अस्पताल प्रबंधन ने मिलकर एम्बुलेंस संचालकों और चालकों को सख्त चेतावनी जारी की.
बैठक का उद्देश्य एम्बुलेंस सेवाओं में पारदर्शिता और अनुशासन स्थापित करना था.इसमें थाना प्रभारी अमहिया शिवा अग्रवाल, यातायात थाना प्रभारी अनिमा शर्मा, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला, अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा, सीएमओ डॉ. अतुल सिंह और डॉ. यत्नेश त्रिपाठी सहित सभी एम्बुलेंस मालिकों और चालकों ने हिस्सा लिया.
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अब अस्पताल में एम्बुलेंस सेवाओं की मनमानी और अनियमितता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.उन्हें बताया गया कि किराये के नाम पर मनमाना वसूली और मरीजों के परिजनों के साथ बदसलूकी की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जो न सिर्फ कानूनन गलत है, बल्कि मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ है.
डॉ. राहुल मिश्रा, अस्पताल अधीक्षक, ने कहा, “यह बैठक व्यवस्था में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को एक सुरक्षित और पारदर्शी माहौल मिले। एम्बुलेंस सेवा इसका एक अभिन्न अंग है, और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी.”
बैठक में एम्बुलेंस संचालकों को निर्देश दिया गया कि वे प्रबंधन द्वारा बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करें। इसके अलावा, सभी चालकों को आम जनता और मरीजों के साथ शिष्ट व्यवहार करने की हिदायत दी गई. नियमों के उल्लंघन या किसी भी प्रकार की शिकायत पर एम्बुलेंस सेवा पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी गई है.
इस पहल के तहत भविष्य में एम्बुलेंस सेवाओं को और अधिक सुगम बनाने के लिए प्रीपेड एम्बुलेंस व्यवस्था शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है.यह प्रणाली किराये को मानकीकृत करेगी और मनमाने शुल्क की समस्या को खत्म करेगी.इसके साथ ही, सेवाओं की निगरानी के लिए तकनीकी नवाचारों को भी अपनाने की योजना है। इस पहल को संजय गांधी अस्पताल में एम्बुलेंस व्यवस्था को एक नई दिशा देने के रूप में देखा जा रहा है.