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‘जातिवादियों के दिल पर सांप लोट रहा…’, पवन सिंह का तंज, शेयर की अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा संग मीटिंग की तस्वीरें

भोजपुरी फिल्मों के एक्टर और गायक पवन सिंह ने मंगलवार को एक ट्वीट कर अपनी हालिया मुलाकात की तस्वीर साझा की है. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अपनी तस्वीर को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर शेयर किया. पवन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपनों का बिहार बनाने में वे पूरी ताकत से काम करेंगे. ट्वीट के साथ साझा की गई तस्वीर में पवन सिंह और राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं.

तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पे आज ई फोटो देख के सांप लोट रहा होगा. लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते हैं. आज उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाकात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया. मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा. पावर एहिजा से शुरू होला.’

हाल के दिनों में पवन सिंह राजनीति में सक्रियता दिखा रहे हैं. उनके इस बयान को जातिवादी राजनीति पर हमला और विकसित बिहार की राजनीति की दिशा में एक नया संकेत माना जा रहा है. अब देखना होगा कि उनकी इस सक्रियता से बिहार की सियासत में क्या नए समीकरण बनते हैं.

पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चुनाव लड़ा था
पवन सिंह ने 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरकर मुकाबला किया था. उनकी मौजूदगी का असर यह हुआ कि उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद कुशवाहा ने अपनी नाराजगी खुलकर जताई थी. इसी पृष्ठभूमि में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा की सदस्यता दिलाई थी.

पवन सिंह की ‘घर वापसी’ की प्लानिंग तैयार की गई
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने पवन सिंह की ‘घर वापसी’ की रणनीति तैयार की, लेकिन सबसे बड़ी अड़चन उपेंद्र कुशवाहा को लेकर थी. पार्टी नहीं चाहती थी कि कुशवाहा नाराज हों, इसलिए भाजपा की कोशिश रही कि पवन सिंह पहले उनसे अपने मतभेद और शिकायतें दूर कर लें, ताकि उनकी वापसी का विरोध न हो.

आरा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
पवन सिंह के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरा सीट से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. यह सीट फिलहाल भाजपा के पास है और इसे पार्टी की सबसे सुरक्षित सीटों में गिना जाता है. वर्ष 2000 से 2020 तक भाजपा नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह लगातार पांच बार यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं. अब संभावना जताई जा रही है कि एनडीए की ओर से पवन सिंह को उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

भोजपुरी फिल्म जगत से लेकर गांव और शहर दोनों जगहों पर पवन सिंह की गहरी पकड़ है. खासकर राजपूत मतदाताओं के बीच उनका प्रभाव काफी मजबूत माना जाता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें दरकिनार करने की वजह से भाजपा शाहाबाद क्षेत्र में नुकसान झेल चुकी है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले पवन सिंह को साधना पार्टी का बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा है.

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