उत्तर प्रदेश के मथुरा के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर इस समय सुर्खियों में बना हुआ है. इस मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कॉरिडोर प्रस्तावित था, लेकिन उसे कॉरिडोर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई लेवल पावर मैनेजमेंट कमेटी बांके बिहारी मंदिर पर नियुक्त की. ताकि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर पर व्यवस्था को और सुधार जा सके.
ठाकुर बांके बिहारी हाई लेवल मैनेजमेंट कमेटी के बनने के बाद बैठकों का दौर शुरू हुआ. अभी तक सिर्फ पांच बैठक हुई. इन पांचों बैठक में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के नौ नियमों पर सहमति मिली थी. इनमे कई अलग-अलग बिंदु है, लेकिन सबसे बड़ा बिंदु ठाकुर बांके बिहारी महाराज के दर्शन के समय को बढ़ाना था.
मंदिर में दर्शन का समय बढाने पर चर्चा
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समय बढ़ाने का उद्देश्य था कि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके और भक्तों को आसानी से दर्शन हो सके. क्योंकि भक्तों का दबाव ज्यादा रहता है भारी भीड़ के चलते समय में परिवर्तन करने की मांग थी. ठाकुर बांके बिहारी हाई लेवल मैनेजमेंट कमेटी की चौथी बैठक में यह आदेश पारित कर दिया गया कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समय में परिवर्तन किया जाएगा. इसके बाद यह आदेश किसी कारण बस लागू नहीं हो सका.
नई समय सारणी हुई लागू
इसके बाद हाई लेवल पावर मैनेजमेंट कमेटी की पांचवी बैठक हुई. जो की वृंदावन के लक्ष्मण शहीद स्मारक भवन में हुई. इसके बाद ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के समय में बदलाव करने के सख्ती से आदेश दिए गए. इसके बाद 30 सितंबर यानी आज मंगलवार से ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समय में परिवर्तन लागू कर दिया गया. अब इस आदेश का पालन गोस्वामी समाज को करना था.
वायरल लेटर में क्या
इस बैठक में जो ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के चार गोस्वामी शामिल थे, इनमें दो राजभोग सेवायत और दो शयन भोग सेवायत के थे. इन लोगों ने 29 तारीख की हुई बैठक में अपनी सहमति तो दे दी, लेकिन आज मंगलवार यानि 30 सितंबर को एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें हाई लेवल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य शैलेंद्र गोस्वामी ने कहा कि मेरे ऊपर मानसिक दबाव बनाया गया था. मंदिर के समय में परिवर्तन को लेकर कोई भी इच्छा नहीं थी, बल्कि मैं तो विरोध में था.
शैलेंद्र गोस्वामी ने लगाए आरोप
जब इस बारे में TV9 ने शैलेंद्र गोस्वामी से बात की तो शैलेंद्र गोस्वामी ने बताया कि मेरा ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के समय में विरोध शुरू से था. मैं लेटर भी लेकर गया था, लेकिन मेरा लेटर नहीं लिया गया और वहां रिसीव करने वाला भी कोई नहीं था.
उन्होंने कहा कि ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन के समय में बदलाव हो यह मुझे पसंद नहीं था. मुझ पर तो जबरदस्ती प्रेशर बनाकर साइन कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि चेयरमैन साहब जो की ठाकुर बांके बिहारी हाई पावर मैन्युअल कमेटी के अध्यक्ष हैं और पूर्व इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस हैं उनकी मनमानी चल रही है.