इंदौर। जूनियरों को कैंपस के बाहर कैफे में बुलाने और होस्टल में तोड़फोड को लेकर सोमवार को इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान विद्यार्थियों से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है, जिसमें सीनियर ने आइईटी और डीएवीवी को बदनाम करने के लिए जूनियर्स छात्रों को फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने को कहा।
सीसीटीवी और डीवीआर भी जूनियरों ने तोड़े
यहां तक कि प्रत्येक विद्यार्थी को दो-दो इंस्ट्राग्राम, एक्स और फेसबुक अकाउंट से पोस्ट करने पर जोर दिया। सीनियर्स द्वारा वाट्सअप ग्रुप बनाकर जूनियर्स को निर्देश दिए जाते थे। खास बात यह है कि सीनियरों के इशारों पर ही होस्टल में तोड़-फोड़ की गई। सीसीटीवी और डीवीआर भी जूनियरों ने तोड़े है। समिति ने होस्टल के विद्यार्थियों को बुलाया। सबसे पहले छात्रों के मोबाइल जांचे गए। उसमें एक वाट्सअप ग्रुप मिला, जिसमें सीनियर्स की तरफ से मैसेज भेजे गए है।
रोजाना दो से तीन पोस्ट करने का दबाव
उसमें छात्रों को कैंपस के बाहर कैफे में आने और मोबाइल व लैपटॉप अनिवार्य रूप से लाने को कहा। विद्यार्थियों को सीनियर्स ने धमकाया और दो-दो सोशल मीडिया अकाउंट से आइईटी व डीएवीवी के खिलाफ पोस्ट करने पर जोर दिया। रोजाना दो से तीन पोस्ट करना थे। सीनियर्स ने एक संस्था द्वारा गरबा आयोजित किया। उसके लिए टिकट भी रखे गए, जो विद्यार्थियों को बेचने को बोला। कैफे की बैठक को पूरी तरह गोपनीय रखने को कहा।
वाट्सअप चैट भी देखी
वाट्सअप ग्रुप पर जूनियर को होस्टल में किस तरह रहना है, यह भी बताया जाता है। समिति ने वाट्सअप चैट भी देखी, जिसमें सीनियर्स ने होस्टल में नुकसान करने के बारे में भी कहा था। उनके इशारों पर जूनियर ने सीसीटीवी और डीवीआर को नुकसान पहुंचा है। सख्ती से पूछताछ करने पर आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, अमन पटेल और विवेक शर्मा सहित अन्य सीनियर्स के नाम सामने आए।
जूनियर्स से वसूली करने की सिफारिश
समिति ने होस्टल में नुकसान करने पर जूनियर्स से वसूली करने की सिफारिश की गई है। जबकि संस्थान को बदनाम करने को लेकर विश्वविद्यालय ने भंवरकुआं थाने में लिखित आवेदन दिया जाएगा। मामले में पूलिस जांच करेंगी।