उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 75 वर्षीय संगरूराम नाम के बुजुर्ग ने 35 वर्षीय मनभावती से शादी की। शादी की रस्में कोर्ट मैरिज और मंदिर में वरमाला के साथ पूरी की गईं। लेकिन खुशी का यह मौका उनके जीवन की आखिरी खुशी साबित हुआ। शादी के अगले ही दिन बुजुर्ग पति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, संगरूराम की पहली पत्नी का करीब एक साल पहले निधन हो गया था। संगरू के कोई संतान नहीं थी और वह अकेले रहते थे। परिवार और रिश्तेदारों ने उन्हें दूसरी शादी से रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने जीवन का बाकी समय एक हमसफर के साथ बिताने का फैसला किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात तीन बच्चों की मां मनभावती से हुई और दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया।
मनभावती का कहना है कि संगरू ने शादी से पहले वादा किया था कि वह अपनी जमीन-जायदाद उसके नाम कर देंगे और बच्चों के लिए एक-एक लाख रुपये जमा करेंगे। इसी भरोसे पर उसने शादी का फैसला लिया। शादी के बाद वह अपने दो बेटियों और एक बेटे के साथ संगरू के घर पहुंची।
शादी के अगले दिन सुबह संगरूराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई। वह बाहर तख्त पर लेटे थे, तभी अचानक उनकी गर्दन झुककर नीचे लटक गई। परिवारजन और पत्नी ने उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
संगरू की मौत की खबर मिलते ही दिल्ली में रहने वाले उनके भतीजे और भाई का परिवार गांव के लिए रवाना हो गया। अंतिम संस्कार को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है, क्योंकि भतीजों ने शव का अंतिम संस्कार रोका और कहा कि असली कारण पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएगा।
इस घटना के बाद गांव में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोग इसे प्राकृतिक मौत मान रहे हैं तो कुछ इसे साजिश भी बता रहे हैं। संगरू की शादी और अगले दिन हुई मौत ने सभी को अचंभित कर दिया है।