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स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में स्थिरता, निवेशकों को राहत

वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है। लगातार सातवीं तिमाही है जब इन योजनाओं की दरें स्थिर रखी गई हैं। मंत्रालय का कहना है कि देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, महंगाई और सरकारी बॉन्ड की यील्ड को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

सरकारी घोषणा के अनुसार, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर पहले की तरह 7.1% ब्याज मिलेगा। इसी तरह, सुकन्या समृद्धि योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) पर 8.2% की दर बरकरार रहेगी। किसान विकास पत्र (KVP) पर 7.5%, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर 7.7% और पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना पर 7.4% ब्याज मिलता रहेगा।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इन योजनाओं पर ब्याज दरें तय करने का फार्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने तैयार किया था। इसके अनुसार, इन स्कीमों की दरें समान अवधि के सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25% से 1% ज्यादा रखी जाती हैं। यही कारण है कि हर तीन महीने पर इनकी समीक्षा की जाती है।

स्मॉल सेविंग स्कीम भारतीय परिवारों के लिए बचत और सुरक्षित निवेश का अहम साधन हैं। इनसे जमा धनराशि नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (NSSF) में जाती है, जिसका उपयोग सरकार वित्तीय घाटा पूरा करने में करती है। इन योजनाओं को तीन हिस्सों में बांटा गया है – पोस्टल डिपॉजिट, सेविंग सर्टिफिकेट और सोशल सिक्योरिटी स्कीम।

पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी दरें पहले जैसी बनी रहेंगी। एक साल की एफडी पर 6.9%, दो साल पर 7%, तीन साल पर 7.1% और पांच साल की एफडी पर 7.5% ब्याज मिलेगा। वहीं, पांच साल की रिकरिंग डिपॉजिट पर 6.7% की दर तय है।

सरकार का यह फैसला छोटे निवेशकों के लिए राहत भरा माना जा रहा है क्योंकि मौजूदा समय में बाजार की अस्थिरता और महंगाई के बीच स्थिर ब्याज दरें उन्हें सुरक्षित विकल्प प्रदान करती हैं।

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