इंदौर। लंबे समय से वेतन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे एमजीएम मेडिकल कॉलेज और इससे जुड़े अस्पतालों के तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारियों को आखिरकार बड़ी राहत मिल गई है। एचएलएल कंपनी के माध्यम से कार्यरत इन कर्मचारियों के वेतन को लेकर चल रही विसंगतियों का समाधान कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल और डीन कार्यालय ने कर्मचारियों की श्रेणी के अनुसार नया वेतन निर्धारण करते हुए आदेश जारी कर दिए हैं।
इस निर्णय ने कर्मचारियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। वेतन विसंगति के कारण पिछले कई महीनों से कर्मचारी असंतोष और असमंजस की स्थिति में थे। बार-बार उठ रही मांगों और ज्ञापनों के बाद विभाग और कॉलेज प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए बढ़ा हुआ वेतन आदेश जारी किया। इस कदम से कर्मचारियों की वर्षों पुरानी परेशानी का समाधान हो गया।
तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। उनकी सेवाओं पर मरीजों के इलाज और अस्पताल की सुचारू व्यवस्था काफी हद तक निर्भर करती है। वेतन विसंगति के चलते कर्मचारी लंबे समय से असंतुष्ट थे और अपनी समस्याएं संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा रहे थे।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त और कॉलेज प्रशासन का मानना है कि कर्मचारियों को उचित वेतन मिलने से न केवल उनका मनोबल बढ़ेगा, बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली और मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। यह निर्णय त्योहारों के समय आने के कारण कर्मचारियों के लिए किसी तोहफ़े से कम नहीं है।
अब सभी तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारी अपनी नई श्रेणी और बढ़े हुए वेतन के अनुसार कार्य करेंगे। इससे कार्यस्थल पर सहयोग, संतोष और बेहतर कार्य वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। कर्मचारियों ने भी इस कदम को स्वागत योग्य बताया और इसे लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार करार दिया।