मुंबई के परेल इलाके में धोखेबाजों ने एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 70 लाख रुपये ठग लिए. जालसाजों ने वरिष्ठ नागरिक को ये कहकर झांसा दिया कि हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच में उनका नाम सामने आया है. ठगी के बाद पीड़ित ने 28 सितंबर को आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.
आरएके मार्ग पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 25 सितंबर को लगभग 3:57 बजे पीड़ित को एक महिला का फोन आया. महिला ने खुद को नई दिल्ली में एटीएस कंट्रोल रूम की अधिकारी, विनीता शर्मा के रूप में परिचय दिया. उसने दावा किया कि पीड़ित के मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया गया है.
वीडियो कॉल पर दी धमकी
इसके तुरंत बाद पीड़ित को एक वीडियो कॉल आया. वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को आईजी प्रेमकुमार गौतम बताया और आईपीएस की वर्दी में पेश किया. इस व्यक्ति ने पीड़ित को गिरफ्तार करने, बैंक खाते जब्त करने और पासपोर्ट ब्लॉक करने की धमकी दी. इस डिजिटल अरेस्ट के डर से पीड़ित मानसिक रूप से परेशान हो गया.
ठगों ने धमकी के बाद पीड़ित से उसकी राजनीतिक विचारधारा, आय, बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट, स्टॉक होल्डिंग्स और उसकी पत्नी के विवरण समेत निजी जानकारी मांगी. ठगों ने पीड़ितों की डर और चिंता का फायदा उठाया और उन्हें पूरी तरह से अपने जाल में फंसा लिया.
इसके बाद धोखेबाजों ने आरबीआई के फर्जी नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि पीड़ित का पैसा पहले व्हाइट मनी के रूप में प्रमाणित किया जाएगा. इस धोखे में आकर पीड़ित ने अपनी मेहनत की कमाई के कुल 70 लाख रुपये को तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया. पैसे मिलने के बाद ठगों ने व्हाट्सएप के माध्यम से पीड़ित को एक फर्जी आरबीआई पावती (acknowledgement) भी भेजी.
किसी से संपर्क न करने की हिदायत
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि ठगों ने उनके मोबाइल फोन, उनकी पत्नी के दोनों मोबाइल फोन और उनके घर के कंप्यूटर को ये दावा करते हुए अस्थायी रूप से बंद कर दिया कि वे निगरानी में हैं. उन्हें किसी से संपर्क न करने की हिदायत दी गई, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गए.
28 सितंबर को जब ठगों ने 1 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट ट्रांसफर करने का दबाव बनाया, तो पीड़ित को शक हुआ और उन्होंने तुरंत आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया है.
पुलिस ने शुरू की जांच
मुंबई साइबर क्राइम विभाग ने मामले को हाई-प्रायोरिटी देते हुए जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने धोखेबाजों के सभी व्हाट्सएप मैसेज, ऑडियो रिकॉर्डिंग और बैंक ट्रांसफर जब्त कर लिए हैं. पुलिस अब साइबर निशान और बैंक खातों के माध्यम से आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में जुटी है.