मैहर : नवरात्र पर्व के पावन अवसर पर मैहर जिले के रामनगर इलाके के बाबूपुर गांव में देवी भक्ति का एक अनूठा और आश्चर्यजनक मामला सामने आया है.यहां के 60 वर्षीय श्यामलाल पिता छोटेलाल ने मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए अपने सिर और शरीर पर जवारे बोकर विशेष अनुष्ठान किया है.
श्यामलाल हर साल शारदीय नवरात्रि के दौरान यह अनुष्ठान करते हैं और पिछले कई वर्षों से वह इसी तरह अपनी साधना और तपस्या को निभा रहे हैं.इस बार भी जैसे ही उन्होंने अपने शरीर पर जवारे बोने शुरू किए, वहां उपस्थित श्रद्धालुओं की भीड़ ‘जय माता दी’ के जयकारों से गूंज उठी.आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में इस अद्भुत नजारे को देखने पहुंचे.
देवी भक्ति का अनूठा तरीका
श्यामलाल का कहना है कि यह उनकी मां दुर्गा के प्रति अटूट आस्था और भक्ति का प्रतीक है.वह मानते हैं कि इस तपस्या के जरिए उन्हें देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.ग्रामीणों ने बताया कि अब तक उन्हें इस अनुष्ठान के दौरान किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है, जबकि आमतौर पर ऐसा करना बेहद कठिन माना जाता है.
स्थानीय लोग श्यामलाल की साधना को विलक्षण मानते हैं और इसे देवी भक्ति की गहराई से जोड़ते हैं.हालांकि, समाज में इस तरह की घटनाएं आस्था और अंधविश्वास के बीच की सीमा रेखा को भी उजागर करती हैं। कुछ लोग इसे अद्भुत आस्था का प्रतीक मान रहे हैं तो कुछ इसे शरीर को पीड़ा देने वाला कर्म कहकर सवाल उठा रहे हैं.
गांव में बना आकर्षण का केंद्र
जवारे बोने वाले श्यामलाल अब नवरात्रि के दिनों में लोगों के बीच चर्चा का प्रमुख विषय बने हुए हैं. दूर-दराज के गांवों से लोग उन्हें देखने और उनके अनुष्ठान का साक्षी बनने आ रहे हैं.
देवी भक्ति का यह अद्भुत स्वरूप भले ही अलग-अलग नजरियों से देखा जा रहा हो, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि श्यामलाल का यह अनुष्ठान नवरात्रि के दौरान मैहर और आसपास के क्षेत्रों में लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है.