एशिया कप ट्रॉफी विवाद के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) चेयरमैन और गृह मंत्री मोहसिन नकवी पर दबाव बढ़ गया है.पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी ने उनसे दो अहम पदों में से एक छोड़ने की सलाह दी है.आफरीदी का कहना है कि नकवी दोनों जिम्मेदारियां संभालने में नाकाम रहे हैं और पाकिस्तान क्रिकेट को पूरा समय और ध्यान चाहिए.एशिया कप ट्रॉफी को लेकर विवादों के केंद्र में आए मोहसिन नकवी को अब दो पदों में से एक चुनने की सलाह दी जा रही है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन या फिर पाकिस्तान के गृह मंत्री का पद.आलोचकों का कहना है कि नकवी दोनों जिम्मेदारियां सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व ऑलराउंडर शाहिद आफरीदी ने एशिया कप विवाद के बाद नकवी से आग्रह किया है कि वे अपने दो में से किसी एक पद को छोड़ दें. मामला और जटिल इसलिए भी है क्योंकि नकवी एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष भी हैं.
पाकिस्तान टीम इस टूर्नामेंट में उपविजेता रही, लेकिन भारत से बार-बार हारने के बाद टीम की बल्लेबाजी और PCB की कार्यशैली दोनों की आलोचना हो रही है.
नकवी के बोर्ड संचालन पर अब कड़ी निगरानी हो रही है. मंगलवार को टेलिकॉम एशिया स्पोर्ट से बातचीत में आफरीदी ने कहा, ‘मेरी नकवी साहब से गुजारिश है कि आपके पास दो बहुत अहम पद हैं. दोनों बड़े काम हैं और इनमें समय देना पड़ता है. PCB बिल्कुल अलग है और गृह मंत्रालय बिल्कुल अलग. इन दोनों को अलग रखना चाहिए.’ आफरीदी ने साफ कहा कि फैसला तुरंत लेना चाहिए.
आफरीदी ने कहा, ‘पाकिस्तान क्रिकेट को खास ध्यान और समय की ज़रूरत है.’ उन्होंने नकवी के सलाहकारों की भी आलोचना की और कहा, ‘वे पूरी तरह सलाहकारों पर निर्भर हैं. ये सलाहकार उन्हें कहीं नहीं ले जा रहे हैं, और खुद नकवी भी मानते हैं कि उन्हें क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. उन्हें अच्छे और जानकार सलाहकारों की जरूरत है जो खेल को समझते हों.’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आफरीदी कई बार इस मुद्दे पर मुखर रहे हैं, लेकिन उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया. यहां तक कि उन्होंने देश के सेना प्रमुख को भी सुझाव दिया कि नकवी को एक पद छोड़ देना चाहिए, ताकि वे दूसरे पर पूरी तरह ध्यान दे सकें.
एशिया कप फाइनल में नकवी ने खुद ट्रॉफी देने की जिद की. जब भारतीय खिलाड़ियों ने उनसे ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया तो उन्होंने ट्रॉफी और मेडल्स को स्टेडियम से हटाने का आदेश दे दिया और गुस्से में मैदान छोड़कर चले गए. इस घटना से भारतीय खिलाड़ी और प्रशंसक असमंजस में पड़ गए और जश्न का माहौल फीका हो गया.