सोनभद्र: जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह के सख्त रुख के बाद ओबरा क्षेत्र में क्रशर प्लांट संचालकों की नींद उड़ गई. जिलाधिकारी के निर्देश पर एक आठ सदस्यीय संयुक्त टीम ने अचानक बारी, डाला और लंगड़ा मोड़ पर स्थित कई क्रशर प्लांटों पर एक साथ धावा बोल दिया. इस अचानक हुई छापेमारी से पूरे क्षेत्र के कारोबारियों में हड़कंप मच गया और अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
गहन जाँच: क्या-क्या खंगाला गया?
टीम ने मौके पर पहुँचकर संचालित हो रहे स्टोन क्रशरों के ज़रूरी कागज़ात की गहनता से जाँच की, अधिकारियों ने विशेष रूप से निम्नलिखित दस्तावेजों को खंगाला:
विद्युत कनेक्शन की वैधता
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)
उद्योग विभाग की स्वीकृति
जिला पंचायत में पंजीयन
उपखनिज भंडारण अनुज्ञप्ति (Storage License) की स्थिति
प्रशासन का सख़्त संदेश
निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारियों ने क्रशर संचालकों को साफ चेतावनी दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना मानक और वैध दस्तावेजों के किसी भी क्रशर प्लांट का संचालन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारियों ने दो टूक कहा कि यदि कोई इकाई नियम विरुद्ध पाई जाती है, तो उसके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के चलते पूरे क्रशर व्यवसाय में खलबली मची रही. टीम के आने की खबर सुनते ही कई प्लांट संचालक अपने-अपने कागजात लेकर भाग-दौड़ करते दिखे, जिससे यह जाहिर होता है कि कई इकाइयों में अनियमितताएं होने की आशंका है. जिलाधिकारी के इस सख्त कदम से अवैध रूप से चल रहे क्रशर प्लांटों पर लगाम लगाने की उम्मीद जगी है.