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बिलासपुर: 15 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, रेलवे ने 298 करोड़ मंजूर किए

रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के बिलासपुर रेल मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम (EI) स्थापित करने की महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति दे दी है।

इस काम पर करीब 298.60 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इससे ट्रेनों के परिचालन और सुरक्षा सुदृढ़ होगी। साथ ही समय बद्धता के साथ ट्रेनों का नियंत्रण हो सकेगा।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य संरक्षित रेल परिचालन को और अधिक मज़बूत बनाना है। यह नई प्रणाली मंडल में भारतीय रेल की स्वदेशी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच के सफल क्रियान्वयन के लिए बहुत जरूरी है।

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम न केवल ट्रेन संचालन को अधिक सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यह कवच प्रणाली के साथ सीधे तौर पर एकीकृत होकर वास्तविक समय (रियल टाइम) में डेटा साझा करने में भी सक्षम होगा।

ट्रेनों के परिचालन और सुरक्षा की दिशा में होगा काम

इस प्रणाली के विकसित होने से ट्रेन संचालन की दक्षता और संरक्षा बढ़ेगी, कवच प्रणाली के साथ सहज एकीकरण होगा, तेज़ ट्रेन नियंत्रण संभव होगा और आकस्मिक स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी।

इन 15 स्टेशनों पर होगा काम

जिन 15 पैनल इंटरलॉकिंग स्टेशनों पर यह प्रणाली स्थापित की जाएगी, उनमें बिश्रामपुर, कमलपुरग्राम, अंबिकापुर, मौहारी, हरद, पाराडोल, कोतमा, बिजुरी, करंजी, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, घुटकू, कलमीटार, लैंको और कुसमुंडा शामिल हैं।

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के प्रमुख लाभ

  • ट्रेन संचालन की अधिक संरक्षा और दक्षता।
  • कवच प्रणाली के साथ सहज एकीकरण।
  • तेज़ ट्रेन नियंत्रण और आकस्मिक स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया।
  • सम्पूर्ण नेटवर्क की विश्वसनीयता और कार्यकुशलता में वृद्धि।
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