बस्तर का दशहरा विश्व प्रसिद्ध है और इसकी अनूठी परंपराओं में से एक मावली परघाव की रस्म आज रात आयोजित की जाएगी। जगदलपुर में होने वाले इस आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां दंतेश्वरी के दर्शन और इस परंपरा को देखने पहुंचते हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने विशेष ट्रैफिक व्यवस्था की है और रूट डायवर्जन लागू किया गया है, ताकि जाम से बचा जा सके।
मावली परघाव रस्म में मां दंतेश्वरी की आराधना और परंपरागत तरीके से पूजा की जाती है। यह बस्तर दशहरे का अहम हिस्सा माना जाता है और इसके दौरान भक्तों की बड़ी भीड़ जुटती है। आयोजन को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने शहरवासियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचते हुए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें। एडवाइजरी के मुताबिक, कई मार्गों पर अस्थायी रूप से यातायात रोका जाएगा और पार्किंग की व्यवस्था भी अलग-अलग स्थानों पर की गई है।
जगदलपुर में यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है। बस्तर दशहरा में अलग-अलग रस्में करीब 75 दिन तक चलती हैं और मावली परघाव उनमें से सबसे प्रमुख मानी जाती है।
पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर भी विशेष इंतजाम किए हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह सहायता केंद्र और मेडिकल टीम भी मौजूद रहेगी।
स्थानीय लोग और बाहर से आने वाले श्रद्धालु इस रस्म को देखने के लिए उत्साहित हैं। हर साल की तरह इस बार भी बस्तर दशहरा एक बार फिर देश और विदेश के श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रहा है।