ग्वालियर में हाईवे पर पुलिस की वर्दी पहनकर वाहन चालकों से वसूली करने और नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी शासकीय वर्दी पहनकर कभी निरीक्षक तो कभी आरटीओ बनकर वाहनों को रोकते और वसूली करते थे। पुलिस ने बताया कि इनके पास से नकली पहचान पत्र और पुलिस ड्रेस बरामद हुई है।
पुलिस ने यह कार्रवाई एक दुकानदार की शिकायत के आधार पर की। ग्वालियर के एक रजिस्ट्रार कार्यालय के पास “लीगल हाउस” नाम की दुकान चलाने वाले टाइपिस्ट वैभव पाल के पास कुछ दिन पहले एक युवक आया और खुद को मप्र पुलिस में दारोगा बताया। उसने वैभव से कुछ नियुक्ति पत्र टाइप करवाए और फिर अपने तीन साथियों को भेजा। वैभव को संदेह हुआ और उसने पुलिस को शिकायत दी।
क्राइम ब्रांच ने मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन ट्रेस कर चारों आरोपितों को बुधवार शाम पकड़ा। चारों सागर के निवासी हैं, जिनमें गिरोह का सरगना शिवम चतुर्वेदी है। इस गिरोह ने पहले भी दमोह में चोरी की एफआइआर दर्ज करवाई है। आरोपितों के नाम हैं शिवम चतुर्वेदी, पवन पुत्र ओमकार यादव, नीरज पुत्र कुंदन यादव और रविंद्र पुत्र अशोक यादव।
पुलिस ने बताया कि आरोपित हाईवे पर अलग-अलग समय पर चेकिंग प्वाइंट लगाते और ट्रक व डंपर चालकों से वसूली करते थे। गिरोह का यह खेल कई महीनों से चल रहा था। इसके अलावा यह लोग युवाओं को पुलिस में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे पैसे भी वसूलते थे।
पुलिस ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच जारी है। क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है कि गिरोह और कहां-कहां ठगी करता रहा है। स्थानीय लोग इस घटना से सकते में हैं और पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
यह कार्रवाई नकली पुलिस गिरोह और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की ठगी और वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।