श्योपुर : जिले की कराहल जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सेसईपुरा इस समय भ्रष्टाचार के मामले में अव्वल चल रही है. जिनको देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है बह खुद ही भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करने में लगे हुए हैं….. यह बात हम नहीं बल्कि पंचायत दर्पण. बिल और मस्टरोल खुद बयां कर रहे है.पंचायत में लगाए गए बिल चीख चीख कर आवाज लगा रहे है.कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी उन बिलों मस्टरोल और दस्तावेजों की जांच करें तो शायद हो सकता है. पंचायत के प्रधान,सचिव से लेकर उन बिलों को पास कराने वाले संबंधित अधिकारी भी सलाखों के पीछे पहुंच सकते है. यह आरोप हम नहीं बल्कि पंचायत दर्पण एप और लगाए गए बिल और ग्रामीणों के आरोप साफ साफ अपनी कहानी को बयां कर रहे है..!
पंचायत दर्पण एप में पंचायत के भ्रष्टाचार का हुआ खुलासा..
ग्राम पंचायत सेसईपुरा के ग्राम प्रधान और सचिव ने संबंधित अधिकारियों से मिलीभगत कर पंचायत दर्पण एप और अन्य पोर्टल पर धुंधले बिलों को लगाया है. जबकि उन बिलों को केवल संबंधित अधिकारी ही देख सकती है. क्योंकि धुंधले बिलों को देखने का उपकरण उनके पास मौजूद है. पंचायत में लगाए बिल किस चीज के है. किसके लिए राशि स्वीकृत हुई. कौन सी बह फर्म है जिसको भुगतान किया गया है. और आखिर में पंचायत में बिलों को लगाने का खेल कब रुकेगा…. यह तो जिम्मेदार अधिकारी या फिर पंचायत के जिम्मेदार ही बता पायेंगे. कि आखिर पंचायत में कौन सी जगह निर्माण हुआ है.
पंचायत में फर्जी फर्म संचालकों के खाते में डाली जा रही राशि
ग्राम पंचायत सेसईपुरा में चौंकाने बाला मामला तब सामने आया जब कई जगह ऐसे फर्म संचालकों के बिल लगाए गए हैं जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है. और जो अस्तित्व में है उनके पास न तो सरिया है. न ही कोई भी निर्माण कार्य मौके पर मौजूद है.विकास के बादें कर प्रधान चुनाव तो जीत गए पंरतु 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद ग्रामीण उक्त पंचायत में विकास की राह देख रहे है. पंरतु आज दिनांक तक पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्य धरातल पर मौजूद नहीं है. जबकि जनपद पंचायत सीईओ और कलेक्टर अर्पित वर्मा अगर पंचायत में जाकर विकास कार्यों को देखेंगे तो शायद पता चल सकेगा कि आखिर पंचायत में विकास के नाम पर किस तरह का खेल खेला जा रहा है जिसकी बानगी जांच में खुलासा ही कर सकेगी…..
पंचायत के जिम्मेदार मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे है
ग्राम पंचायत सेसईपुरा के सरपंच और सचिव को इन आरोपों और फर्जी बिलों को लेकर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई पंरतु पंचायत के जिम्मेदार फोन उठाने की हिम्मत नहीं कर रहे है. और अगर बात कर भी ली जाती है तो बह गोलमोल जवाब देने से नहीं कतरा रहे है.
ग्रामीण बोले कार्रवाई पर सवाल या सिस्टम करे हलाल!
ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र की मनरेगा योजना गरीबों के हित और जल संरक्षण के लिए चलाई जाती है, लेकिन पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार ने योजना की जमीनी हकीकत को खोखला कर दिया है। अब देखना यह होगा कि विभाग और प्रशासन कब तक सरपंच, सचिव और जीआरएस पर कड़ी कार्रवाई करता है या फिर सिर्फ नोटिस देकर मामले को दवा दिया जाएगा।
किसानों को मिलना था लाभ-उस पर भी फिर गया पानी
किसानों को मिलना था लाभ, लेकिन… खेत तालाब का उद्देश्य था- मानसून के दौरान वर्षा जल को संग्रहित करना। सूखे की स्थिति में किसानों को सिंचाई का विकल्प उपलब्ध कराना। भूजल स्तर को रिचार्ज कर कुओं और अन्य जल स्रोतों को जीवंत बनाए रखना लेकिन सेसईपुरा पंचायत में इन उद्देश्यों पर पानी फिर गया। किसानों को खेत तालाब का लाभ वो नहीं मिला, उल्टा सरकारी राशि हड़प लिए जाने के आरोप अब पंचायत पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने लगाए आरोप चुप जिम्मेदार…?
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में सिर्फ तालाब ही नहीं, बल्कि अन्य विकास कार्यों के नाम पर भी भ्रष्टाचार किया है। पंचायत प्रतिनिधियों और जीआरएस सचिव ने कागजों में विकास दिखाकर सरकारी खजाने से रकम निकाल ली.
ग्रामीणों की मांग
- ग्रामीणों ने पंचायत विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि-
- पंचायत में स्वीकृत खेत तालावों का स्थल निरीक्षण किया जाए।
- फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार में लिप्त सरपंच, सचिव व जीआरएस पर रिकवरी की कार्रवाई की जाए।
- विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन कर वास्तविक स्थिति उजागर की जाए।
सवालों के घेरे में योजना
मनरेगा योजना के अंतर्गत स्वीकृत खेत तालाब किसानों के लिए जीवनदायिनी संरचना साबित हो सकते थे। लेकिन सरपंच-सचिव की कथित कारगुजारी ने इस योजना की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है.अब देखना होगा कि जिला प्रशारान इस भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या कदम उठाता है और किसानों को उनका एक दिलाने के लिए किस हद तक कार्रवाई करतामाम.
जनपद सीईओ बोले नोटिस जारी कर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी
कराहल जनपद सीईओ राकेश शर्मा का कहना है कि अगर इस तरह का मामला है. और वास्तविक स्थिति में पंचायत में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक से भ्रष्टाचार किया है. तो जांच कराई जाएगी. नोटिस जारी कर संबंधितों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.