इंदौर हाईकोर्ट ने दशहरे के अवसर पर महिलाओं के पुतले दहन पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद शहर में रावण दहन समारोह के दौरान पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है और विशेष निगरानी रखी जा रही है। हाईकोर्ट का यह आदेश सामाजिक सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किया गया है।
पुलिस ने दशहरे पर्व के मद्देनजर शहर के प्रमुख क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। रावण दहन स्थल और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। भीड़ नियंत्रण और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए थाने की टीमें लगातार पैट्रोलिंग कर रही हैं। प्रशासन ने आयोजकों को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी प्रकार की विवादास्पद गतिविधि न हो और सामाजिक सद्भाव बनाए रखा जाए।
सोनम रघुवंशी का पुतला न जलाने का फैसला उनके समर्थन में या विरोध में नहीं है, बल्कि यह आदेश हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सुरक्षा और शांति बनाए रखने के दृष्टिकोण से लिया है। इस वर्ष दशहरे के मौके पर केवल पारंपरिक रावण पुतलों का दहन ही किया जाएगा, जबकि विवादास्पद या संवेदनशील पुतलों पर रोक रहेगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी आयोजक नियमों का पालन करें। किसी भी आयोजन में हिंसा या शांति भंग करने वाली गतिविधि हुई तो आयोजक और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सतर्क रहें और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरंत दें।
इसके अलावा, प्रशासन ने बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। रावण दहन के दौरान आसपास के इलाकों में मेडिकल और फायर ब्रिगेड की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है। दशहरे के अवसर पर यह कदम शहर में सुरक्षा और सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस आदेश और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इंदौर के नागरिक और पर्यटक सुरक्षित माहौल में दशहरे का पर्व मना सकते हैं।